भोपाल । कम दबाव का क्षेत्र के रविवार को और कमजोर पड़ने की संभावना है। इस वजह से सोमवार से प्रदेश में भारी वर्षा की आशंका कम हो जाएगी। हालांकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रुक-रुककर बौछारें पड़ने का सिलसिला बना रहेगा। मौसम ‎‎विभाग के अनुसार, पिछले चार दिनों से उत्तरी मध्यप्रदेश के मध्य में सक्रिय कम दबाव का क्षेत्र वर्तमान में कुछ कमजोर पड़कर मप्र के पूर्वी भाग में पहुंच गया है। मानसून ट्रफ भी इसी सिस्टम से होकर गुजर रहा है। मौसम विज्ञानियों ने रविवार को टीकमगढ़, निवाड़ी, विदिशा, शिवपुरी, दतिया, श्यौपुरकला, गुना एवं अशोकनगर जिलों में भारी वर्षा (ऑरेंज अलर्ट) की चेतावनी दी है।  मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र में बना कम दबाव का क्षेत्र कमजोर पड़ने लगा है। रविवार को इस सिस्टम के और कमजोर पड़ने की संभावना है। इससे बाढ़ प्रभावित जिलों में कुछ राहत मिलने के आसार हैं। हालांकि सिस्टम के मौजूद रहने से बौछारें पड़ने का सिलसिला अभी तीन-चार दिन तक बना रह सकता है। उल्‍लेखनीय है राजधानी के कई इलाकों में शनिवार बौछारें पड़ने का सिलसिला जारी था।उधर भोपाल, होशंगाबाद, उज्जैन, इंदौर, रीवा, जबलपुर, शहडोल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं तेज बौछारें पड़ सकती हैं। शनिवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक धार में 72, नौगांव में 31, रतलाम में 13, इंदौर में 5.4, होशंगाबाद में पांच, पचमढ़ी में तीन, सागर में दो, ग्वालियर में 1.8, छिंदवाड़ा में एक, भोपाल में 0.5, जबलपुर में 0.2 मिलीमीटर बारिश हुई।