कोरबा क्षेत्र के एसईसीएल कॉलोनी में मकानों की हालत बहुत ज्यादा जर्जर हो चुकी है। मरम्मत के बाद भी छतों का प्लास्टर भरभरा कर गिर रहा है। डिसेंट हाउसिंग के नाम पर करोड़ों रूपए खर्च किए जाने के बाद भी कालोनियों में मरम्मत की जरूरत अभी भी बनी हुई है।
कुसमुंडा क्षेत्र में पुन: इस तरह की घटना सामने आई है। मकान की छत का प्लास्टर भरभरा कर गिर गया। कुछ देर पहले ही खदान कर्मी की मां अपने चार माह के पोते को लेकर मौके पर बैठी थी। जैसे ही वह बच्चे को लेकर अन्य कमरे में गई यह घटना हो गई। घटना में दादी पोते दोनों बाल बाल बच गए। घटना विकास नगर कॉलोनी में हुई है। यहां लोडर ऑपरेटर अपने परिजनों के साथ निवास करता है। अचानक छत का प्लास्टर भरभरा कर गिर गया। गनिमत यह रही कि जिस समय घटना हुई परिवार के सदस्य अन्य कमरे में बैठे हुए थे। लोडर ऑपरेटर ने बताया कि उनके घर पर मां रहती है जो उनके छोटे से बच्चे के साथ अक्सर उसके कमरे में बैठती है। जब घटना हुई उससे कुछ देर पहले ही वे वहां से हटे थे। इस बीच जोरदार आवाज हुई तो उसे सुनकर परिवार के लोग कमरे में पहुंचे। उन्होंने देखा कि छत का प्लास्टर फर्श व बिस्तर पर बिखरा पड़ा था।