कोरबा सिटी कोतवाली के मानिकपुर चौकी क्षेत्रांतर्गत एक युवती एवं किशोर के अंतर जाति विवाह के दौरान काफी विवाद व हंगामा हुआ इसकी सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारियों ने सुझबूझ से दोनों के आयु प्रमाणपत्र के बाद शादी को रूकवा दिया। इसके साथ ही युवती को बयान दर्ज कराये जाने के बाद उसे सखी गृह पोड़ीबहार के संरक्षण में भिजवा दिया।

विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीएसईबी चौकी क्षेत्रांतर्गत एक युवती तथा मानिकपुर चौकी क्षेत्रांतर्गत मुड़ापार निवासी एक युवक का प्रेम संबंध काफी दिनों से चला आ रहा था। पूर्व में वे दोनों एक साथ घर से भी भाग चुके थे। इस बार भी युवती अपने घर से चली गई थी। जिसकी जानकारी सीएसईबी व मानिकपुर चौकी पुलिस को दे दी गई थी। इसी बीच युवती को भगाकर ले जाने वाले युवक के साथ विवाह का कार्यक्रम चल रहा था। चुंकि दोनों के अलग-अलग जाति व मंतव्य थे। इसे लेकर काफी विवाद की स्थिति भी पैदा हो गई, वहीं युवती की ओर से चंद रूपयों के स्टांप पेपर पर स्वेच्छा से युवक को अपनाने व शादी करने का शपथ पत्र भी तैयार कर प्रस्तुत किया जा रहा था। इस विवाह को लेकर विवाद की स्थिति पैदा होने पर कई एक संगठन के लोग भी मुखर हो उठे थे।

इसकी जानकारी मानिकपुर चौकी प्रभारी शिवकुमार धारी को हुई। जिसके बाद उन्होंने इस स्थिति से टीआई कोतवाली विवेक शर्मा को अवगत कराया। टीआई श्री शर्मा ने सुझबूझ का परिचय देते हुए तत्काल एसपी भोजराम पटेल के मार्ग दर्शन में एएसपी कीर्तन राठौर तथा सीएसपी कोरबा योगेश साहू के निर्देशन में मुड़ापार पहुंचकर मानिकपुर चौकी प्रभारी श्रीधारी व वहां स्टाफ के साथ प्रथम दृष्टया युवक-युवती का आयु प्रमाण पत्र संकलित किया। जिसमें युवक की उम्र 20 वर्ष 4 माह तथा युवती की उम्र 19 वर्ष 6 माह पाया गया। इस तरह युवक के बालिग होने में 8 माह शेष होने के कारण उक्त विवाह, बाल विवाह अधिनियम के तहत मान्य नहीं था। इसलिए सीएसपी श्री साहू, टीआई श्री शर्मा, चौकी प्रभारी श्री धारी व एएसआई मालिकराम जांगड़े ने उपरोक्त विवाह को रूकवा दिया। इसके साथ ही युवती का बयान एसडीएम के यहां दर्ज कराया गया। चुंकि युवती अपने मां-बाप के घर जाने के लिए तैयार नहीं थी। इसलिए उसे सखी संप्रेक्षणगृह पोड़ीबहार भेज दिया गया