काबुल । अफगानिस्‍तान में तालिबान राज आने के बाद पाकिस्‍तान के पालतू आतंकी संगठन हक्‍कानी नेटवर्क को सबसे बड़ा झटका लगा है। तालिबान सरकार में गृह मंत्री बने हक्‍कानी नेटवर्क के मुखिया सिराजुद्दीन हक्‍कानी के मुख्‍य सैन्‍य रणनीतिकार और काबुल के कमांडर हमदुल्ला मुखलिस की एक भीषण आत्‍मघाती हमले में मौत हो गई है।

काबुल पर कब्‍जे के बाद हमदुल्‍ला ही सबसे पहले राष्‍ट्रपति अशरफ गनी के कार्यालय में घुसा था। गनी की कुर्सी पर बैठे मौलवी हमदुल्ला मुखलिस की तस्‍वीरें वायरल हो गई थीं। काबुल में मंगलवार को हुए दो जोरदार बम धमाकों और फायरिंग की घटनाओं में अब तक कम से कम 25 लोग मारे गए हैं। बताया जा रहा है कि हमदुल्‍ला तालिबान की स्‍पेशल फोर्स बद्री ब्रिगेड का कमांडर भी था। इसी ब्रिगेड को काबुल में सुरक्षा का जिम्‍मा दिया गया है। तालिबानी कमांडर की मौत से हक्‍कानी नेटवर्क को बहुत बड़ा झटका लगा है।  इससे पहले हमदुल्‍ला पाकट‍िका और खोश्‍त प्रांतों में तालिबान का शैडो गवर्नर रह चुका था।

अभी तक इस हमले की किसी गुट ने जिम्‍मेदारी नहीं ली है लेकिन माना जा रहा है कि इस आत्‍मघाती हमले को आईएसआईएस के संगठन के आतंकियों ने अंजाम दिया है। अफगानिस्‍तान के चर्चित पत्रकार बिलाल सरवरी ने ट्वीट करके कहा ‎कि आईएसआईएस के आतंकी अब अपने पहले सबसे महत्‍वपूर्ण टारगेट की हत्‍या करने में सफल हो गए हैं। हमदुल्‍ला तालिबान का सबसे करिश्‍माई नेता था।

इससे निश्चित रूप से तालिबानी नेतृत्‍व हिल गया होगा। बिलाल ने कहा कि आने वाले दिनों और महीनों में होने वाली घटनाओं पर हमें करीबी नजर रखनी होगी। बताया जा रहा है कि बंदूकधारियों के एक समूह ने काबुल से सबसे बड़े सैन्य अस्पताल पर हमला कर अंधाधुंध फायरिंग की। बाद में तालिबान के लड़ाकों के साथ हुए मुठभेड़ में हमलावरों को मार गिराया गया।

बताया जा रहा है कि इस दौरान तालिबान का शीर्ष कमांडर मौलवी हमदुल्ला मुखलिस भी मारा गया है। यह तालिबान के काबुल मिलिट्री कोर का प्रमुख था। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि विस्फोट 400 बिस्तरों वाले सरदार मोहम्मद दाउद खान अस्पताल के प्रवेश द्वार पर हुए। इसके बाद इस्लामिक स्टेट के बंदूकधारियों के एक समूह ने हमला किया, जिनमें से सभी 15 मिनट के भीतर मारे गए।

मुजाहिद ने यह भी बताया कि तालिबान के स्पेशल फोर्सेज कमांडो टीम को हेलीकॉप्टर के जरिए अस्पताल परिसर में एयर ड्रॉप किया गया। इससे हमलावरों को अस्पताल परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया और सभी को गेट या आंगन में ही मार गिराया गया।