वॉशिंगटन । रिसर्च स्टेशन ग्रीनलैंड में मूसलादार बारिश होने की ताजा घटना ने पर्यावरण के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। यहां बर्फ की चादर के सबसे ऊंचे बिंदु पर पिछले हफ्ते बर्फ गिरने के बजाय बारिश हुई और ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ है। 14 अगस्त को बर्फ की चादर के 3,216 मीटर ऊंचे शिखर पर कई घंटों तक बारिश हुई, जहां तापमान लगभग नौ घंटे तक हिमांक बिंदु से ऊपर दर्ज किया गया था। वैज्ञानिकों ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पिछले शनिवार को समिट स्टेशन पर बारिश देखी गई। समिट स्टेशन ग्रीनलैंड में एक रिसर्च स्टेशन है। इसकी स्थापना 1989 में राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन द्वारा की गई थी। एक दशक से भी कम समय में यह तीसरी बार था जब ग्रीनलैंड समिट पर तापमान शून्य से ऊपर चला गया। नेशनल स्नो एंड आइस डेटा सेंटर के अनुसार 14 से 16 अगस्त तक ग्रीनलैंड में तीन दिनों में सात टन बारिश हुई। यह 1950 में डेटा इकट्ठा किए जाने के बाद से बारिश की सबसे बड़ी मात्रा है।
ज्यादातर बारिश ग्रीनलैंड के दक्षिण-पूर्वी तट से समिट स्टेशन तक हुई। बारिश और उच्च तापमान के कारण पूरे द्वीप पर बड़े पैमाने में बर्फ पिघल गई। इससे रविवार को सतह पर बर्फ को भारी नुकसान पहुंचा, जो अगस्त के मध्य के दैनिक औसत से सात गुना ज्यादा है। समिट पर रिकॉर्ड तोड़ बारिश ग्रीनलैंड की बर्फ की चादर को प्रभावित करने वाले जलवायु परिवर्तन के बारे में नवीनतम चेतावनी है। कोलंबिया विश्वविद्यालय के लैमोंट-डोहर्टी अर्थ ऑब्जर्वेटरी की ग्लेशियोलॉजिस्ट इंद्राणी दास ने रॉयटर्स को बताया यह बारिश बर्फ की चादर के लिए एक स्वस्थ संकेत नहीं है। बर्फ पर पानी अच्छा नहीं होता। पानी बर्फ की चादर के पिघलने की अधिक संभावना बनाता है। यूएस नेशनल स्नो एंड आइस डेटा सेंटर के उप प्रमुख वैज्ञानिक ट्विला मून ने कहा ग्रीनलैंड के शिखर पर यह खतरनाक बारिश नई घटना नहीं है। उन्होंने कहा कि बढ़ती बाढ़, आग और अब बारिश खतरे की घंटी है। यह संकेत है कि अब ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना होगा।