श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में चार महीने बाद एक बार फिर सरगर्मी बढ़ गई है। वजह है नामीबिया के बाद अब दक्षिण अफ्रीका से लाई जा रही चीतों की दूसरी खेप। इस बार 12 चीतों को लाने की तैयारी है। इसकी डेडलाइन 10 जनवरी की रखी गई है। इन चीतों के आने के बाद कूनो में चीतों का कुनबा बढ़कर 20 का हो जाएगा।

पहली खेप में आए चीतों की सेहत कैसी है, पढ़िए रिपोर्ट
17 सितंबर से कूनो की पहचान नेशनल पार्क से ज्यादा देश में मौजूद चीतों के इकलौते घर के रूप में हो गई है। अब ये पहचान और पुख्ता होने जा रही है। कूनो के डीएफओ प्रकाश वर्मा ने बताया कि भारत सरकार और दक्षिण अफ्रीकी सरकार के बीच 12 चीते कूनो लाने पर बातचीत अंतिम दौर में है। हाल में केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कूनो पहुंचकर अफसरों को हिदायत दी है कि पूरी तैयारी करके रखें। 10 जनवरी से पहले कभी भी सरप्राइज मिल सकता है। यहां सरप्राइज का मतलब चीतों की नई खेप से है।

भूपेंद्र सिंह ने चीतों के नए बाड़े और अन्य तैयारियों को देखा। सुरक्षा से जुड़े सभी पहलुओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने चीता टास्क फोर्स के अफसरों से भी चर्चा की। इसके साथ ही जिप्सी से बाड़े के अंदर पहुंचकर रिलीज किए गए चीतों को नजदीक से देखा। उनकी सेहत ठीक देखकर वन मंत्री ने नेशनल पार्क के अफसरों की सराहना भी की।

दूसरी खेप में आने वाले सदस्यों के लिए 14 बाड़े तैयार
दक्षिण अफ्रीका से आने वाले 12 चीतों के लिए कूनो के भीतर तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। 8 नए बाड़े बनाकर लगभग तैयार कर दिए गए हैं। यहां 6 बाड़े पहले से बने हुए हैं यानी दक्षिण अफ्रीका से आने वाले 12 चीतों को क्वारंटाइन करने के लिए कूनो में अब 14 बाड़े तैयार हैं। इनके इलेक्ट्रिफिकेशन से लेकर अन्य काम को तेजी के साथ पूरा किया जा रहा है। इसके साथ ही यह भी तैयारी की जा रही है कि जिन 8 चीतों को बड़े बाड़े में रिलीज किया गया है, उन्हें जल्दी ही खुले जंगल में छोड़ दिया जाए।

10 फरवरी तक खुले जंगल में रिलीज होंगे नामीबिया से आए चीते
राष्ट्रीय कूनो अभयारण्य विभाग के अधिकारियों द्वारा उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी 10 जनवरी तक दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को यहां लाया जा सकता है। अगर ऐसा होता है, तो पहले से बाड़े में रह रहे सभी 8 चीतों को 10 फरवरी तक कूनो के जंगल में छोड़ दिया जाएगा। जिसकी तैयारियां भी तेजी के साथ की जा रही हैं।

तनाव मुक्त होकर शिकार कर रहे चीते
कूनो में मौजूद 8 चीते बड़े बाड़े में शिफ्ट होने के बाद लगातार चीतल और नीलगाय का शिकार कर रहे हैं। हर 3 से 4 दिन के भीतर अलग-अलग चीतों की टोली 1-1 वन्यजीव का शिकार कर रही है। अब तक यह सभी चीते करीब 20 वन्यजीवों का शिकार कर चुके हैं। चीतों के व्यवहार और गतिविधियों को देखकर इन्हें खुले जंगल में छोड़ने की भी तैयारी की जा रही है।

ठंड बढ़ी लेकिन अभ्यस्त हैं चीते
इन दिनों सर्दी के सीजन में कूनो नेशनल पार्क का तापमान न्यूनतम 8 से 9 डिग्री तक पहुंच गया है। तापमान में एक पखवाड़े में करीब पांच डिग्री की गिरावट आई है, लेकिन चीतों की सेहत पर इसका कोई बुरा असर नहीं पड़ रहा। डीएफओ वर्मा ने बताया कि चीते इसके अभ्यस्त हैं। क्याेंकि नामीबिया में भी ठंड के सीजन में न्यूनतम तापमान औसतन 7 डिग्री सेल्सियस रहता है। कभी-कभी तो एक डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, इसलिए आने वाले दिनों में भी ठंड को लेकर चीतों की सेहत से जुड़ी चिंता नहीं।

खुले जंगल में चीते छोड़े जाने के बाद ही देख सकेंगे पर्यटक
कूनो लाए गए आठ चीतों को देखने के लिए पर्यटक उत्साहित हैं, लेकिन करीब 2 महीने तक पर्यटकों को कूनो के भीतर उनका दीदार नहीं हो सकेगा। सुरक्षा से जुड़े कारणों के चलते, चीता टास्क फोर्स के अफसरों ने इंसानों को चीतों के बाड़े के आसपास भी फटकने की इजाजत नहीं दी है। जो पर्यटक कूनो घूमने जा रहे हैं उन्हें चीतों के बाड़े से करीब 8 से 10 किलोमीटर दूर से ही लौटा दिया जाता है। मुख्य टिकटोली गेट को फिलहाल बंद रखा गया है। आपको कूनों के अंदर जाना है तो अहेरा या पीपल वाली अगरा गेट से जाना होगा। फिर भी चीतों को दो माह बाद ही देख सकेंगे।