भोपाल। राजधानी के गोविंदपुरा थाना इलाके मे स्थित रचना नगर में रहने वाले माध्यमिक शिक्षा मंडल के क्लर्क द्वारा घर मे बने शेड मे फांसी लगाकर आत्महत्या किये जाने का मामला सामने आया है। घटना के समय उनका बड़ा बेटा और पत्नी घर में मौजूद थे, हादसे की भनक लगते ही वो उन्हे फंदे से उतारकर इलाज के लिये जय प्रकाश अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।

अस्पताल मे डॉक्टर ने शुरुआती चेकअप के बाद ही उन्हें मृत घोषित कर दिया। अस्पताल से मिली सूचना पर पहुची पहुंची पुलिस को शुरुआती पडताल मे घटनास्थल पर मिले पर्स मे एक सुसाइड नोट मिला है, इसमे मृतक ने लिखा है, कि मैं आर्थिक और शारीरिक रूप से टूट चुका हूं। ओर मेरे मरने के बाद मेरे बेटे को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए। उन्होंने आत्महत्या के लिए खुद को जिम्मेदार बताया है। परिवार वालो के अनुसार  वर्ष 2017 से पैरालिसिस की बीमारी से पीडीत थे, ओर इसके कारण काफी तनाव मे रहते थे।

थाना पुलिस ने बताया कि रचना नगर में रहने वाले 53 साल के प्रवीण प्रधान माध्यमिक शिक्षा मंडल, मध्यप्रदेश में सहायक क्लर्क के पद पर पदस्थ थे। 2017 से वह वह पैरालिसिस से पीड़ित थे, ओर उनका इलाज चल रहा था। उन्होने अपने मकान की छत पर एक शेड डालकर कमरा बनवा लिया था। बीती दोपहर वो खाना खाने के बाद घर पर ही थे। इसके बाद शाम तक जब वो परिवारो वालो को नहीं दिखे। तो परिवार वाले उन्हें तलाशने लगे। इसी दोरान छत पर बने टीन शेड के कमरे में उनका शरीर रस्सी के फंदे पर झूलता नजर आया। परिजनो ने उन्हे तुरंत ही नीचे उतारकर अस्पताल ले गये लेकिन तब तक उनकी मोत हो चुकी थी।

मृतक के दो बेटे है, बड़ा बेटा अशीष प्रायवेट नौकरी करता है, वहीं छोटा बेटा अशेष खुद का कारोबार करता है घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुची गोविंदपुरा पुलिस ने घटनास्थल की छानबीन की इस दौरान उन्हें टेबिल पर पर्स और मोबाइल रखा नजर आया। पर्स की तलाशी ली तो उसमें एक सुसाइड नोट मिला है। इसमे लिखा है कि मैं शारीरिक, आर्थिक, मानसिक तौर पर परेशान हूं। अब शरीर आत्मा को त्याग रहा है। इसलिए खुदकुशी कर रहा हूं। इसके लिए किसी को परेशान नहीं किया जाए।

मुख्यमंत्री, माध्यमिक शिक्षा मंडल से मांग कर रहा हूं कि मेरे परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्त दी जाए। पुलिस ने सुसाइड नोट को जप्त कर आगे की जांच शुरु कर दी है। शुरुआती बातचीत मे मृतक के परिवार के सदस्यों ने पुलिस को बताया कि प्रवीण का बहुत पहले एक्सीडेंट हुआ था, और बाएं हाथ में चोट लगी थी। उनका बांया हाथ ठीक से काम नहीं करता था। इसके अलावा शरीर के दाहिनी हिस्से में उन्हें लकवा लग गया। वे ड्यूटी जाते थे, लेकिन उनसे ठीक से चलने में दिक्कत होती थी। अपनी बीमारी ओर शारिरीक स्थिति को लेकर वो काफी डिप्रैशन मे रहते थे।