सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : कंप्यूटर शिक्षा के प्रसार में मील का पत्थर साबित हुई पुस्तक ‘कंप्यूटर एक परिचय’ के 40वें संस्करण का लोकार्पण शनिवार को भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में हुआ। मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने पुस्तक का लोकार्पण किया।

Technical Education in Hindi is the Future: Santosh Chaubey
कार्यक्रम में मप्र निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष भरत शरण सिंह, विज्ञान लेखक और कुलाधिपति संतोष चौबे, स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति सिद्धार्थ चतुर्वेदी समेत कई विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।

राज्यपाल ने की सराहना
राज्यपाल पटेल ने कहा, “कंप्यूटर ज्ञान को हिंदी में लाने का कार्य ‘कंप्यूटर एक परिचय’ पुस्तक ने किया। यह समाज सेवा का सशक्त माध्यम है। शिक्षित व्यक्ति का गौरव अपने ज्ञान को दूसरों तक पहुंचाने में है।” उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे पाठ्यपुस्तकों के साथ-साथ साहित्य और अन्य पुस्तकों से भी देश और समाज का ज्ञान अर्जित करें।
अन्य वक्ताओं का योगदान
विशिष्ट अतिथि भरत शरण सिंह ने कहा, “भारत में सुपरकंप्यूटर पर पहली बार काम भटकर ने किया था, लेकिन उस समय जानकारी केवल अंग्रेजी में थी। ‘कंप्यूटर एक परिचय’ पहली पुस्तक बनी, जिसने यह जानकारी हिंदी में दी।”
संतोष चौबे ने बताया कि इस पुस्तक का उद्देश्य भारतीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा को प्रोत्साहन देना है। उन्होंने कहा कि “रोजगार और तकनीकी शिक्षा का विकास केवल हिंदी और भारतीय भाषाओं में संभव है।”


डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि यह पुस्तक एक आंदोलन बनी, जिसने ज्ञान के प्रसार को देशभर में पहुंचाया।
तकनीकी सत्र और अनुभव साझा
तकनीकी सत्र में वक्ताओं ने हिंदी में तकनीकी लेखन की चुनौतियों और अनुभवों पर चर्चा की। एनआईसी के सीनियर डायरेक्टर संतोष शुक्ला ने बताया कि 1988 में ‘कंप्यूटर एक परिचय’ पुस्तक लोगों के लिए कंप्यूटर ज्ञान का पहला स्रोत बनी।
वरिष्ठ विज्ञान लेखक यतीन चतुर्वेदी और मप्र हिंदी ग्रंथ अकादमी के पूर्व संचालक शिव कुमार अवस्थी ने पुस्तक के योगदान और उसकी लोकप्रियता पर प्रकाश डाला।
भविष्य की दिशा
कार्यक्रम में वक्ताओं ने हिंदी में तकनीकी लेखन को बढ़ावा देने और इसे युवाओं के लिए सुलभ बनाने पर जोर दिया। भोज विश्वविद्यालय के कुलपति संजय तिवारी ने कहा कि “हिंदी में तकनीकी लेखन के माध्यम से विज्ञान और प्रौद्योगिकी को जन-जन तक पहुंचाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।”
इस आयोजन ने हिंदी में तकनीकी शिक्षा के महत्व और इसके प्रसार के लिए नए आयाम स्थापित किए।

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