सीधी । पोर्न मूवी का आदेश भूत पूर्व डी.इ.ओ. पारसनाथ शुक्ला द्वेष पूर्ण भावना से, फर्जी ढंग से पैसा लेकर हमारे खिलाफ निकाले थे और घूस लेते हुए रंगे हाथों पकड़े जाने पर वो बर्खास्त भी हो गए थे, जेल भी गए ऐसे गलत अधिकारी के आदेश को षड्यंत्रकारी लोग द्वेष पूर्ण भावना से आज भी दुरुपयोग कर रहे हैं, जबकि उच्च न्यायालय जबलपुर ने 20/06/2019 में हमारे खिलाफ किसी भी तरह का सबूत ना मिलने व मेरी किसी भी प्रकार की इस प्रकरण में संलिप्तता न पाने पर हमें दोषमुक्त किया और किसी तरह का आरोप हमारे ऊपर नहीं सिद्ध हुआ और हमारे ऊपर लगाए गए सारे आरोप निरस्त कर दिए गए हैं, कुंठित शिक्षक द्वारा हीन भावना से हाईकोर्ट के आदेश का अपमान किया जा रहा है। जो कि निंदनीय कृत्य है।

राज्य स्तर पर जिले से चयन होकर 3 शिक्षकों के नाम गए थे जिसमें जिले में 2020 में हमको तीसरे स्थान पर रखा गया था, लेकिन राज्य की स्वतंत्र समिति ने जब चयन किया तो हमारे द्वारा किए गए अच्छे शिक्षकीय कार्यों को देखते हुए हमारा चयन राज्यपाल पुरस्कार के लिए राज्य में किया गया है और वह निरस्त नहीं है शिक्षक के गंदे आरोप भरे गुमनाम पत्रों को भेजने के कारण रुका हुआ है। जिस शिक्षक को राष्ट्रपति और राज्य पुरस्कार की चयन प्रक्रिया के दिशा निर्देशों का ज्ञान तक नहीं है वह पुरस्कार के लिए अपने को पात्र मानता है, चयन समिति शिक्षक को कला, संगीत, शारीरिक शिक्षा, शिक्षकीय प्रदर्शन को ध्यान में रखकर भौतिक सत्यापन कर शिक्षक का चयन करती है, एवं जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर समितियों द्वारा प्राप्त सभी आवेदनों का पुनः स्वतंत्र मूल्यांकन किया जाता है और योग्यता के आधार पर पुरस्कार के लिए शिक्षकों का चयन उनके द्वारा किया जाता है। हमने बच्चों का सर्वांगीण विकास किया है जिसके आधार पर हमारा चयन राज्य में हुआ है। एक महिला शिक्षिका जो बच्चो के विकास के लिए हर क्षेत्र में, स्काउट गाइड, योग, संगीत, रेड क्रॉस, शिक्षा आदि में 23 से ज्यादा नवाचारो का प्रयोग बच्चो की शिक्षा के लिए, कोरोना महामारी में बच्चों को जागरूक करने हेतु मोहल्ला क्लास में प्रशिक्षण दिया गया, हमारा घर हमारा विद्यालय, मोहल्ला क्लास हर जगह निरंतर कार्य कर रही है, शिक्षिका द्वारा की जा रही गतिविधियां विधियां सारा जिला देख रहा है, शासन द्वारा चलाई जा रही हर योजना पर शिक्षिका ने बच्चों को राज्य स्तर तक आगे बढ़ाया है, जिसके दस्तावेज मौजूद हैं,और कई नेशनल प्रशिक्षण में प्रशिक्षित है, दूरदर्शन और एडुसैट में पाठ पढ़ाकर प्रस्तुति तक दे चुकी है, शिक्षक की तरह फर्जी उपलब्धिया हमने नहीं लगाई, जो शिक्षिका 37 वर्षो से बच्चों के बीच तन-मन-धन से सेवा दे रही है, उसे द्वेष भावनाओ से झूठा आरोप लगाकर परेशान किया जा रहा है, मानसिक प्रताड़ना देने के साथ ही मान-सम्मान को ठेस पहुचाई जा रही है। जिला शिक्षा अधिकारी महोदय द्वारा उच्च न्यायालय के आदेशानुसार शिक्षिका को दोष मुक्त कर शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ किया गया है, शिक्षिका भारत स्काउट एवं गाइड जिला डी.ओ.सी. के सम्मानित पद पर कार्य कर रही है, साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी महोदय के दिनांक 01/07/2021 के आदेशानुसार सीधी नगर का योग प्रभारी भी बनाया गया है। माननीय विधायक पंडित केदारनाथ शुक्ल जी ने भी अपने पत्र में लिखा है अजीता द्विवेदी राज्य स्तरीय पुरस्कार के हकदार हैं मैं इन्हें पुरस्कार देने की अनुशंसा करता हूं।

इस वर्ष 2021 में भी हमारा पुनः जिले से राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए चयन हो जाने के कारण शिक्षक द्वेष भावना से इस बार की सम्मानित समिति से नाराज हैं, “पंचो के मुंह से परमेश्वर बोलते हैं” शायद यह बात शिक्षक को पता नहीं और अपने को सम्मान के योग्य मानता है, 2020 व 2021 की चयन समिति को बार-बार चैलेंज करना एक शिक्षक को शोभा नहीं देता है यह निंदनीय कृत्य है महिला की मान सम्मान को ठेस पहुंचाना एवं मानसिक प्रताड़ना देना शिक्षक को महंगा पड़ सकता है, आयोग व कार्यालयों में बार-बार झूठे आरोप लगाकर गुमनाम पत्र भेज कर सीधी जिले की गरिमा को ठेस पहुंचाई जा रहा है।

अतः प्रशासन एवं जिला शिक्षा अधिकारी महोदय से निवेदन है कि ऐसे कुंठित शिक्षक के प्रति कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो जिससे भविष्य में शिक्षक इस तरह का दुर्व्यवहार किसी और के साथ न कर सके, जो शिक्षक पुरस्कार पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है, कुछ मीडिया साथियों को गुमराह कर रहा है, विंध्यभारत के जो पत्रकार भाई माननीय हाईकोर्ट के आदेश को ना जानते हुए गलत न्यूज़ निकाले हैं कृपया उन से निवेदन है कि आगे इसकी सत्यता जांच कर ले। वरना भ्रमित ही रहेंगे।