नॉटिंघम । इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन के अनुसार पिछले कुछ साल के अंदर खिलाड़ियों का मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बात करना सकारात्मक बात हो गयी है जबकि पहले ऐसा नहीं था और खिलाड़ी खेलते रहते थे। कोरोना महामारी के कारण भी खिलाड़ियों को लंबे समय तक बायोबबल (जैव सुरक्षा) घेरे में परिवार से दूर रहना पड़ता है जिससे भी वह मानसिक तनाव में रहते हैं। इसी कारण हाल के दिनों में अलग-अलग खेलों से जुड़े कई खिलाड़ियों ने अवसाद के चलते ब्रेक लिया है। टेनिस खिलाड़ी नाओमी ओसाका फ्रेंच ओपन और विंबलडन से हट गई थी जबकि अमेरिकी जिम्नास्ट सिमोन बाइल्स तोक्यो ओलंपिक के दौरान छह प्रतियोगिताओं में से पांच में से हट गई। इंग्लैंड के आलराउंडर बेन स्टोक्स ने भी क्रिकेट से अनिश्चितकाल के लिए ब्रेक लिया है। एंडरसन ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इसका लोगों पर बिलकुल अलग तरह का प्रभाव पड़ता है। अपने खेल में सफल होने के कारण आपको अलग तरह के दबाव का सामना करना पड़ता है।’’

एंडरसन ने कहा, ‘‘इस सब में सकारात्मक यह है कि पिछले कुछ वर्षों में अपनी समस्याओं के बारे में बात करना अब पहले से आसान हो गया है और ऐसा करने में कोई सवाल भी नहीं उठते।’’ अमेरिका के लिए कई ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले बाइल्स हाल में मानसिक स्वास्थ्य का हवाला देकर ही टोक्यो ओलंपिक की टीम और व्यक्तिगत आलराउंड स्पर्धा से हट गई थी। वहीं साल 2003 में टेस्ट पदार्पण करने वाले एंडरसन ने याद किया कि जब उन्होंने करियर शुरू किया तो अगर कोई मानसिक अवसाद के बारे में बात करता था तो इसे मानसिक कमजोरी का संकेत माना जाता था।उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर जब मैंने शुरुआत की तो इस बारे में बात करने को कमजोरी की तरह देखा जा सकता था। ’’