सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: हमारे लिए यह बहुत गर्व का विषय है कि पूरे विश्व में हिंदी की स्वीकार्यता बढ़ती जा रही है। भारत सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी भाषा शिक्षण को कौशल के रूप में रेखांकित किया गया है। विदेशों में भारतीय संस्कृति को जानने और हिंदी सीखने का रूझान काफी बढ़ रहा है। इसी तरह भारत के हिंदीतर भाषी राज्यों खासकर उत्तर पूर्वी एवं दक्षिण के राज्यों में भी हिंदी सीखने वालों की मांग बहुत बढ़ी है।
हिंदी की विश्व व्यापी स्थिति को सुदृढ़ करने हेतु ‘विश्व रंग’ के अंतर्गत ‘टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केंद्र’ की स्थापना रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल के परिसर में की गई है। उल्लेखनीय है कि विश्व रंग महोत्सव में रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, पूर्व शिक्षा मंत्री, भारत सरकार के करकमलों से भव्य समारोह पूर्वक इसका उद्घाटन किया गया है। अब इस आंतरराष्ट्रीय हिंदी केन्द्र के अंतर्गत विश्व के 30 से अधिक देशों की संस्थाओं और विश्वविद्यालयों में हिंदी के प्रचार–प्रसार और विधिवत पठन–पाठन के लिए संबद्धता प्राप्त कर अपने #देश–ब्रिटेन, अमेरिका, नीदरलैंड्स, सिंगापुर, मॉरीशस, रूस, सूरीनाम, बेल्जियन, यूएई, आस्ट्रेलिया, आयरलैंड, कनाडा, न्यूजीलैंड, नेपाल, स्पेन, स्विट्जरलैंड, श्रीलंका, जापान, थाइलैंड, मलेशिया, पुर्तगाल, यूक्रेन, उजबेकिस्तान, चीन, वियतनाम, जर्मनी, कतर, केन्या, इंडोनेशिया आदि में अंतरराष्ट्रीय हिंदी केन्द्रों की स्थापना कर ली गई है।
इसके अंतर्गत वैश्विक स्तर पर हिंदी शिक्षण के लिए रचनात्मकता और पठनीयता पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए ‘हिंदी शिक्षण पाठ्यक्रम’ का निर्माण अत्यंत गंभीरता के साथ किया गया है। इसके लिए व्यवस्थित परीक्षा और स्टैंडर्ड सर्टिफिकेशन की व्यवस्था भी की गई है। इस हिंदी शिक्षण पाठ्यक्रम के द्वारा ऑनलाइन- ऑफलाइन दोनों माध्यम से बहुत ही रोचकता के साथ हिंदी सीखी जा सकेगी। आगामी वर्षों में हम एक करोड़ लोगों को हिंदी शिक्षण कार्यक्रम से जोड़कर लाभान्वित करेंगे। इसके लिए हिंदी शिक्षण पाठ्यक्रम’ को वैश्विक परिदृश्य के अनुसार हिंदी, अंग्रेजी और रोमन लिपि में प्रवासी भारतीयों और हिंदी सीखने वाले विभिन्न देशों के स्थानीय परिवेश को समाहित करते हुए डिजिटल स्वरूप में ही विकसित किया गया है। शीघ्र ही यह ‘हिंदी शिक्षण पाठ्यक्रम’ एंड्रॉइड फोन पर ऐप के जरिए भी हिंदी शिक्षण के लिए वैश्विक स्तर पर उपलब्ध होगा। उक्त विचार वरिष्ठ कवि-कथाकार, निदेशक, विश्व रंग एवं रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे ने व्यक्त किए।

विश्व रंग ने वैश्विक स्तर पर इस दिशा में बहुत ही सार्थक और सराहनीय कार्य किया है। टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केन्द्र और वैश्विक स्तर पर हिंदी शिक्षण कार्यक्रम भी इस दिशा में मिल का पत्थर साबित होगा।