Tag Archive: अन्तस की प्रतिध्वनि
अमृत कलश- अन्तस की प्रतिध्वनि ही भविष्य है : आचार्य चंद्रशेखर शास्त्री
मनुष्य का जीवन केवल उसकी इच्छाओं या कल्पनाओं पर आधारित नहीं होता, बल्कि उसकी प्रवृत्तियाँ, संस्कार और कर्म मिलकर उसके
April 14, 2025
