Tag Archive: पर्यावरण संरक्षण

आर्ट ऑफ लिविंग ने हरित भविष्य के लिए सतत कृषि को बढ़ावा दिया

सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: भारत के कृषि परिदृश्य को बदलने के लिए एक परिवर्तनकारी

आर्ट ऑफ लिविंग ने प्राकृतिक तरीकों से क्रांतिकारी अपशिष्ट जल शोधन की शुरुआत की

सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: बेंगलुरु स्थित आर्ट ऑफ लिविंग इंटरनेशनल आश्रम में एक परिवर्तनकारी

चंबल फर्टिलाइजर्स और टेरी का सतत कृषि समाधान के लिए समझौता

सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: चंबल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (CFCL) और ऊर्जा एवं संसाधन

छठी RD20 कॉन्फ्रेंस: नई दिल्ली में स्वच्छ ऊर्जा सहयोग को बढ़ावा देने की पहल

सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: छठी RD20 कॉन्फ्रेंस, जो स्वच्छ ऊर्जा तकनीकों को बढ़ावा देने

इको-फ्रेंडली ब्यूटी हैक्स: आपकी त्वचा और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद

सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम ब्यूटी प्रोडक्ट्स पर

धरती के इकोसिस्टम को बचाने के लिए आयोजित हुई हरित दौड़

सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ई प्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : पर्यावरण संरक्षण, धरती के इकोसिस्टम और विलुप्त होती

भोपाल में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ ‘ग्रीन हार्टफुलनेस रन 2024’: फिटनेस और पर्यावरणीय जागरूकता का अनूठा संगम

भोपाल/सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क इंडिया/आईटीडीसी न्यूज़: रविवार सुबह भोपाल के टीटी नगर स्टेडियम में ‘ग्रीन हार्टफुलनेस रन 2024’ का

भोपाल का पहला डबल डेकर फ्लाईओवर: 9 महीने में तैयार

सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: भोपाल की राजधानी में एक बड़ी सौगात आने वाली है।

पराली जलाने पर सख्ती, दिल्ली की हवा में ज़हर

सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए केंद्र

धरती को प्रदूषण से बचाने के लिए CO₂ को एथेनॉल में बदलने का तरीका खोजा

सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ई प्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल:  जर्मन वैज्ञानिकों ने कोबाल्ट और कॉपर का इस्तेमाल करते