सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) के प्रोफेसर विजय बाबू गुप्ता, जिनकी स्वाइन फ्लू की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, का शनिवार को अचानक निधन हो गया। हालांकि, उनकी मौत का कारण स्वाइन फ्लू नहीं बल्कि अचानक आए झटके (कन्वर्शन) माने जा रहे हैं। एक हफ्ते तक चले इलाज के बाद वे स्वाइन फ्लू से लगभग पूरी तरह ठीक हो गए थे और शनिवार शाम उन्हें डिस्चार्ज किया जाना था, लेकिन इसी बीच उनकी हालत बिगड़ी और उनका निधन हो गया।
इस घटना के बाद विश्वविद्यालय कैंपस में स्वाइन फ्लू को लेकर चिंता बढ़ गई है। प्रोफेसर गुप्ता के परिवार के दो सदस्यों को होम आइसोलेट किया गया है, और कई विश्वविद्यालय कर्मचारियों ने भी एहतियातन खुद को आइसोलेट कर लिया है। विशेष रूप से 19 सितंबर को विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन में चिंता का माहौल है।
स्वाइन फ्लू रिपोर्ट पर विवाद
प्रोफेसर गुप्ता की स्वाइन फ्लू रिपोर्ट को लेकर प्राइवेट अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग के बीच मतभेद देखने को मिल रहे हैं। इलाज कर रहे डॉ. जीएस मालपानी ने बताया कि प्राइवेट अस्पताल में किए गए पीसीआर टेस्ट में प्रोफेसर की रिपोर्ट H1N1 पॉजिटिव आई थी और इसे एक्स-रे से भी पुष्टि की गई थी। हालांकि, सरकारी रिकॉर्ड में अभी उनकी मौत को आधिकारिक रूप से स्वाइन फ्लू से नहीं जोड़ा गया है क्योंकि सरकारी लैब से रिपोर्ट आनी बाकी है।
इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के बाद बिगड़ी तबीयत
स्टाफ के अनुसार, 23-24 अगस्त को विश्वविद्यालय में आयोजित इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस के बाद से ही प्रोफेसर गुप्ता की तबीयत बिगड़नी शुरू हो गई थी। 31 अगस्त को तेज खांसी आने के बाद उन्हें प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया गया। इसके बाद उनका स्वाइन फ्लू का इलाज चला, परन्तु उनकी स्थिति धीरे-धीरे ठीक होती गई।
विवि कैंपस में बढ़ी चिंता
प्रोफेसर गुप्ता की मौत के बाद विश्वविद्यालय परिसर में स्वाइन फ्लू के फैलने का डर सताने लगा है। विवि स्टाफ और कई निवासी खुद को होम आइसोलेट कर रहे हैं। वहीं, प्रशासन भी इस मामले पर सतर्क हो गया है क्योंकि 19 सितम्बर को होने वाले दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति प्रस्तावित है। फिलहाल, कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया है, पर कार्यक्रम के दौरान स्वाइन फ्लू गाइडलाइंस का पालन करना अनिवार्य हो सकता है।
जिले में स्वाइन फ्लू के मामले
स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अंशुल मिश्रा के अनुसार, जनवरी 2024 से अब तक स्वाइन फ्लू के 13 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 3 केस अभी भी सक्रिय हैं। इन मामलों में कोई भी मौत दर्ज नहीं हुई है। सीएमएचओ डॉ. बीएस सेत्या ने बताया कि प्रोफेसर गुप्ता की सरकारी लैब से आने वाली रिपोर्ट के बाद ही उनकी मृत्यु के कारणों पर स्पष्टता मिल सकेगी।
अंतिम संस्कार और उठावना
प्रोफेसर गुप्ता का अंतिम संस्कार रविवार को रीजनल मुक्तिधाम में किया गया। एहतियातन उनके उठावने का कार्यक्रम 9 सितंबर को उनके निवास पर सीमित लोगों के बीच चलित रूप में आयोजित किया जाएगा ताकि संक्रमण फैलने का खतरा न हो।