सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क– इंटीग्रेटेड ट्रेड- न्यूज़ भोपाल: केदारनाथ धाम के 228 किलो सोना गायब होने के दावे पर हुआ बवाल, मंदिर समिति ने दिया जवाब
हाल ही में ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने केदारनाथ धाम से 228 किलो सोना गायब होने का सनसनीखेज दावा किया, जिससे खासी चर्चा हुई। अब बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और शंकराचार्य को सुप्रीम कोर्ट में जाने की चुनौती दी है।
मंदिर समिति के अध्यक्ष अजयेंद्र अजय ने शंकराचार्य पर सनसनी फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा, “स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का यह दावा निराधार है। वह रोज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया की सुर्खियां बटोरने की कोशिश करते हैं। अगर उनके पास कोई ठोस सबूत है, तो वे अथॉरिटी के पास जाएं या सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएं।”
मंदिर समिति का पक्ष
अजयेंद्र अजय ने स्पष्ट किया कि केदारनाथ धाम को स्वर्णमंडित कराने में मंदिर समिति या सरकार का कोई हाथ नहीं है। यह कार्य मुंबई के एक दानदाता ने किया है, जो पहले भी देश के कई मंदिरों में ऐसा कार्य कर चुके हैं।
उन्होंने बताया, “केदारनाथ धाम में सिर्फ 23 किलो सोना लगा है, जो 1000 किलो तांबे के ऊपर परत के रूप में चढ़ाया गया है। पहले यहां 230 किलो चांदी की प्लेटें थीं, जिनकी जगह सोना नहीं आया है। इस तकनीक का उपयोग स्वर्ण मंदिर सहित अन्य स्थानों पर भी किया जाता है।”
शंकराचार्य के आरोपों का खंडन
अजयेंद्र अजय ने कहा, “शंकराचार्य के आरोपों से देश के दानदाताओं की भावना आहत होती है। सोने की परत चढ़ाने की प्रक्रिया को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। हमें उनके आरोपों को गंभीरता से लेना चाहिए और अगर उन्हें किसी भी अथॉरिटी पर भरोसा नहीं है, तो उन्हें न्यायालय का रुख करना चाहिए।”
मंदिर समिति ने शंकराचार्य के दावों को निराधार बताते हुए कहा कि बिना सबूत के आरोप लगाने से केदारनाथ धाम की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचता है। अब देखना होगा कि शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद इस चुनौती का कैसे जवाब देंगे और क्या वे अपने दावे को सही साबित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे।