सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: आज हम बात करेंगे उस महत्वपूर्ण फैसले की जो सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर जस्टिस पर बड़ा बयान देते हुए साफ कहा है कि किसी भी व्यक्ति का घर सिर्फ आरोपों के आधार पर गिराया नहीं जा सकता है।
हाल के वर्षों में बुलडोजर का इस्तेमाल आरोपियों के घरों को तोड़ने के लिए किया जा रहा है। कई राज्यों में यह प्रक्रिया देखने को मिली है जहां आरोप लगने के तुरंत बाद संबंधित व्यक्ति का घर बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगाते हुए चेतावनी दी है कि बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के किसी का घर तोड़ना पूरी तरह कानून का उल्लंघन है।
अदालत का यह निर्णय जनता के अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन बताते हुए सभी संबंधित विभागों को चेतावनी दी है कि कानूनी प्रक्रिया का पालन अनिवार्य है।
तो क्या यह फैसला भविष्य में बुलडोजर जस्टिस पर पूर्ण रूप से रोक लगा पाएगा? इस सवाल का जवाब जानने के लिए जुड़े रहिए ITDC News के साथ।