सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम और अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने श्री अकाल तख्त साहिब पर माथा टेकते हुए अपनी सजा पूरी की। 10 दिनों की सेवा के बाद वे अमृतसर पहुंचे, जहां उन्होंने अरदास कर अपनी सजा समाप्ति की घोषणा की।
अकाली दल के नेताओं का समर्थन
सुखबीर बादल के साथ अकाली दल के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद थे। इस मौके पर दलजीत सिंह चीमा ने कहा, “श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों का हमने पालन किया और सेवा पूरी की। अब अकाली दल को फिर से मजबूत करने के प्रयास शुरू होंगे।”
सजा की पृष्ठभूमि
श्री अकाल तख्त साहिब ने अकाली दल की पिछली गलतियों के लिए सुखबीर बादल और अन्य नेताओं को सजा सुनाई थी। इसमें:
राम रहीम को माफी दिलाने का विवाद: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को माफी दिलाने के कारण सिख समुदाय में आक्रोश हुआ था।
बेअदबी की घटनाओं की जांच में नाकामी: बादल सरकार गुरुद्वारा साहिब की बेअदबी की घटनाओं की सही जांच कराने में असफल रही।
झूठे केसों में सिखों को इंसाफ न दिलाना: पुलिस फर्जी मुठभेड़ों और झूठे मामलों में सिख युवाओं की हत्या के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई।
हमले के बाद सुरक्षा पर सवाल
4 दिसंबर को अमृतसर के गोल्डन टेंपल में सुखबीर बादल पर खालिस्तानी आतंकी नारायण सिंह चौड़ा ने हमला किया। इस हमले में वे बाल-बाल बच गए। बिक्रम मजीठिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस जांच पर सवाल उठाए और स्वतंत्र जांच की मांग की।
अकाली दल के पुनर्गठन की प्रक्रिया
श्री अकाल तख्त साहिब ने अकाली दल के पुनर्गठन का निर्देश दिया है। 6 महीने में नया ढांचा तैयार करने की जिम्मेदारी एसजीपीसी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी को दी गई है। सुखबीर बादल का इस्तीफा कभी भी स्वीकार किया जा सकता है, जिसके बाद पार्टी के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू होगी।
अकाली दल की नई शुरुआत की उम्मीद
सजा पूरी करने के बाद अकाली दल को मजबूत करने के प्रयास तेज हो सकते हैं। आने वाले चुनावों में सिख समुदाय का विश्वास हासिल करना पार्टी की प्राथमिकता होगी।
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