भोपाल । मध्य प्रदेश के बीपीएड व एमपीएड की पढाई करने के इच्छूक छात्रों को इस सत्र में प्रवेश नहीं मिलेगा। इसकी वजह बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) को इन पाठयक्रमों के संचालन के लिए मान्यता का नहीं मिलना है। राजधानी में स्थित बरकतउल्ला विश्वविद्यालय नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) के तहत चलने वाले कोर्स की मान्यता हासिल नहीं कर सका है। इस कारण इस सत्र में शारीरिक शिक्षा विभाग में संचालित बीपीएड व एमपीएड कोर्स को प्रवेश प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया है। बीयू दो साल पहले बीएड की मान्यता हासिल नहीं कर सका था और अब बीपीएड और एमपीएड की मान्यता भी नहीं मिली है। इसका कारण विवि द्वारा एनसीटीई के मापदंडों की पूर्ति नहीं करना है। लिहाजा, दोनों कोर्स के यूजी व पीजी में प्रवेश की अनुमति नहीं मिली है और उच्च शिक्षा विभाग ने बीयू को काउंसिलिंग में शामिल नहीं किया है। विवि के शारीरिक शिक्षा विभाग में बीपीएड की 50 और एमपीएड की 30 सीटों पर प्रवेश होते रहे हैं। एनसीटीई ने विभाग को काउंसिलिंग में शामिल करने की अनुमति नहीं दी है, लेकिन विद्यार्थी प्रवेश लेने के लिए च्वॉइस फिलिंग में बीयू की तलाश कर रहे हैं। बता दें, विभाग ने एनसीटीई के आठ कोर्स के पहले चरण का अलॉटमेंट जारी कर दिया है। अब दूसरे चरण में पंजीयन प्रक्रिया जारी है। हालांकि एनसीटीई के मापदंडों को पूरा नहीं करने पर बीयू को बीएड, बीपीएड और एमपीएड की सीटों पर प्रवेश कराने की अनुमति नहीं दी गई है। इससे विवि को काफी आर्थिक नुकसान भी होगा। इसका असर नैक ग्रेडिंग पर भी पड़ेगा। बता दें कि वर्ष 2019 में 50 सीट वाला बीएड कोर्स बंद कर दिया गया था। तब 26 प्रवेश भी हो गए थे, फिर उन्हें दूसरे कॉलेजों में स्थानांतरित कर दिया गया। वर्तमान सत्र को छोड़कर बीयू में बीएड का तीसरा जीरो ईयर है। एनसीटीई ने नियुक्तियों के अभाव में मान्यता नहीं दी है। जबकि पिछले दो साल से स्टाफ पर बीयू करीब 55 लाख रुपये खर्च कर चुका है। अब वर्तमान सत्र में स्टाफ पर करीब 20 से 25 लाख रुपये और खर्च होंगे। प्रवेश नहीं होने पर बीयू को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। इस बारे में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरजे राव का कहना है कि एनसीटीई से कोर्स की मान्यता मिली है, लेकिन पता नहीं कहां गड़बड़ी हुई कि विभाग ने काउंसिलिंग प्रक्रिया में शामिल नहीं किया। दूसरे चरण की काउंसिलिंग के बाद शारीरिक शिक्षा विभाग के कोर्स में प्रवेश लिए जाएंगे।