भोपाल । अपनी लंबित मांगों के निराकरण के लिए पटवारियों ने चौथे दिन भी काम नहीं किया। प्रदेश के 19 हजार से अधिक पटवारी कलमबंद हड़ताल पर है। शुक्रवार को भी मांगों को लेकर कोई निर्णय नहीं हो सका है। मप्र पटवारी संघ ग्रेड पे बढ़ाने पर अटका है। सरकार भी पटवारियों को आर्थिक लाभ देने पर राजी हो गई है, लेकिन डेटलाइन तय नहीं की गई। इसलिए पटवारी हड़ताल वापस नहीं ले रहे हैं। पटवारियों की हड़ताल के चलते 26 विभाग का काम प्रभावित हो रहा है।
उधर, पटवारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों का निराकरण नहीं होगा वे काम पर नहीं लौटेंगे। इधर, हड़ताल के कारण आय-जाति के सर्टिफिकेट, जमीन की नक्शा-खसरा रिपोर्ट समेत रेवेन्यू से जुड़े कई काम अटक गए हैं। इस कारण लोग परेशान हो रहे हैं। वहीं पटवारी के माध्यम से किसानों को केसीसी के लिए मिलने वाला जाति प्रमाण पत्र, गिरदावरी कार्य, नामांतरण-बंटवारे के प्रकरण समेत 26 विभाग का काम प्रभावित हो रहा है। संगठन चाहता है कि सरकार पटवारियों का ग्रेड पे 2100 से बढ़ाकर 2800 कर दें। सरकार इस मांग को पूरा कर रही है, किंतु ग्रेड पे 2400 करना चाहती है। महंगाई भत्ता बढ़ाने समेत पटवारियों के ट्रांसफर, सीपीसीटी की अनिवार्यता खत्म करने की भी मांग है।
लिखित आश्वासन तो ठीक, डेटलाइन बताए सरकार
पटवारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र सिंह ने बताया कि संगठन के पदाधिकारियों और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच अब तक हुई बातचीत सकारात्मक रही है। सरकार लिखित आश्वासन भी दे रही है, लेकिन डेटलाइन तय नहीं की थी। 2 साल पहले भी लिखित आश्वासन दिया गया था। फिर भी मांगें अधूरी हैं। इसलिए सरकार से डेटलाइन तय करने की बात कह रहे हैं। वर्तमान में पटवारी काफी कम वेतन पर काम कर रहे हैं। खुद के साथ अन्य विभागों के काम का दवाब भी उन पर है।
हड़ताल का असर जनता पर
हड़ताल का असर सरकारी कामकाज के साथ जनता पर भी पड़ रहा है। आय-जाति के सर्टिफिकेट से लेकर जमीन की नक्शा-खसरा रिपोर्ट नहीं बन रही है तो रेवेन्यू से जुड़े कई काम भी नहीं हो रहे हैं।