सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: बॉलीवुड में नेपोटिज्म और स्टार किड्स को मिलने वाले विशेषाधिकार पर हमेशा चर्चा होती रहती है। हाल ही में प्रियंका चोपड़ा की कजन, मीरा चोपड़ा ने अपने फिल्मी सफर और संघर्ष को लेकर कई खुलासे किए। तमिल और तेलुगू सिनेमा में एक जाना-पहचाना नाम होने के बावजूद मीरा ने बताया कि बॉलीवुड में जगह बनाना उनके लिए आसान नहीं रहा।

मीरा चोपड़ा का बॉलीवुड में सफर और संघर्ष

मीरा ने एक इंटरव्यू में बताया कि उनकी बहन प्रियंका चोपड़ा के इंडस्ट्री में कदम रखने के बाद परिवार के बच्चों के लिए सिनेमा में आने का रास्ता खुला। लेकिन बॉलीवुड में शुरुआत करना उनके लिए काफी मुश्किल भरा साबित हुआ। मीरा ने कहा कि साउथ की फिल्मों में उनकी खास दिलचस्पी नहीं थी, और वे बॉलीवुड में काम करना चाहती थीं, लेकिन यहां आने पर इंडस्ट्री के लोगों से संपर्क साधना चुनौतीपूर्ण साबित हुआ।

नेपोटिज्म और स्टार किड्स का प्रभाव

मीरा ने अपने संघर्ष के बारे में बताया कि कई बार ऑडिशन देने के बाद भी, वे प्रोजेक्ट्स से बाहर हो जाती थीं और उन भूमिकाओं को स्टार किड्स को दे दिया जाता था। उनका कहना है कि अगर किसी इनसाइडर का सपोर्ट हो, तो टैलेंट न होते हुए भी फिल्में मिल जाती हैं। मीरा ने यह भी बताया कि कई बार लोग नंबर तो दे देते हैं, लेकिन कभी जवाब नहीं देते।

नेपोटिज्म पर मीरा का बयान

मीरा ने साफ किया कि इंडस्ट्री में टैलेंटेड एक्टर्स के लिए नेपोटिज्म एक बड़ी चुनौती है। वे कहती हैं कि अगर किसी इनसाइडर का साथ हो तो आसानी से फिल्मों में जगह बन जाती है, जबकि बाहरी लोगों के लिए यह एक लंबा संघर्ष है।