सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : स्पेन की सरकार ने कर्मचारियों के हफ्ते में काम के घंटों में कटौती करने का फैसला किया है। मंगलवार को कैबिनेट की साप्ताहिक बैठक में लेबर मिनिस्टर योलांडा डियाज ने इसे लेकर प्रस्ताव को पेश किया।

इस प्रस्ताव में हर हफ्ते काम के घंटों को 40 से घटाकर 37.5 घंटे करने का फैसला लिया गया है, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दी। अब इसे संसद में पेश किया जाएगा।

एम्पलॉयर्स एसोसिएशन यानी नौकरी देने वाले कंपनियों के संगठन ने इस प्रस्ताव का विरोध किया था। हालांकि इसके बावजूद भी मंत्री डियाज ने इसे पेश किया।

डियाज स्पेन की कट्टर वामपंथी पार्टी सुमार की नेता है। ये पार्टी स्पेन की गठनबंधन सरकार का हिस्सा है। लेबर मिनिस्टर डियाज स्पेन सरकार में डिप्टी PM भी हैं।

नए नियमों को कर्मचारियों की सैलरी में कटौती किए बिना लागू किया जाएगा।
नए नियमों को कर्मचारियों की सैलरी में कटौती किए बिना लागू किया जाएगा।

कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी बढ़ाना और जीवन बेहतर करना मकसद

लेबर मिनिस्टर डियाज ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि इस प्रस्ताव का मकसद काम के घंटों के कम करके कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी बढ़ाना और उनके जीवन को बेहतर बनाना है।

इस विधेयक को अभी संसद की मंजूरी मिलना बाकी है। रॉयटर्स के मुताबिक प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज के नेतृत्व वाली सरकार के संसद में स्पष्ट बहुमत नहीं है।

इस विधेयक को पारित कराने के लिए उन्हें छोटी पार्टियों का समर्थन लेना होगा। लेकिन ये इतना आसान नहीं रहने वाला है। ये पार्टियां विधेयक को लेकर अलग-अलग मांग कर रही है। ऐसे में उनके बीच संतुलन बिठाना सांचेज के लिए अहम चुनौती होगी।

सांचेज के सत्ता में बने रहने के लिए छोटी पार्टियों का समर्थन भी जरूरी है।
सांचेज के सत्ता में बने रहने के लिए छोटी पार्टियों का समर्थन भी जरूरी है।

काम के घंटे कम करने पर पिछले साल हुए थे प्रदर्शन

पिछले साल सितंबर में काम के घंटे कम करने को लेकर स्पेन में प्रदर्शन हुए थे। स्पेन की प्रमुख यूनियन्स, कंपनियों और सरकार के काम के घंटे करने को लेकर दबाव बना रही थी। PM सांचेज ने सितंबर से ही इसे लेकर कंपनियों को राजी करने के लिए कोशिशें शुरू कर दी थी।

दूसरी तरफ यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने भी स्पेन और उसके प्रतिद्वंद्वियों के बीच प्रोडक्टिविटी के अंतर को करने के लिए रिपोर्ट पेश की थी।

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