सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: साउथ कोरिया में सोमवार को राष्ट्रपति यून सुक-योल पर ट्रैवल बैन लगा दिया गया। साउथ कोरिया के करप्शन इन्वेस्टिगेशन हेड ने बताया कि राष्ट्रपति पर यह बैन मार्शल लॉ लगाने के कारण लगाया गया है। रॉयटर्स के मुताबिक, साउथ कोरियाई पुलिस पिछले हफ्ते से ही मार्शल लॉ लागू करने की वजह से उनके खिलाफ विद्रोह के आरोपों की जांच के लिए ट्रैवल बैन पर विचार कर रही थी।
यून सुक-योल ने पिछले मंगलवार विपक्षी पार्टी पर नॉर्थ कोरिया से सांठगांठ करने और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाकर देश में मार्शल लॉ लागू कर दिया था। इसके बाद देश को गंभीर राजनीतिक अशांति का सामना करना पड़ा। विपक्ष उनके खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव लाया था, जो पास नहीं हो सका।
सत्तारूढ़ दल के ज्यादातर सांसदों ने महाभियोग प्रस्ताव पर वोटिंग का बायकॉट किया था, इस वजह से विपक्ष इसे पास करने के लिए जरूरी 200 वोट नहीं जुटा पाया।
हालांकि बुधवार को साउथ कोरिया में संसद का नया सत्र शुरू हो रहा है। ऐसे में विपक्ष एक बार फिर से महाभियोग प्रस्ताव लाने पर विचार कर रहा है।
राष्ट्रपति के पद छोड़ने पर 60 दिन में चुनाव कराना जरूरी
अगर बुधवार को विपक्ष राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पास करवाने में सफल हो जाता है तो यून के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चलाया जाएगा। जहां 9 में से 6 के जजों के वोट से प्रस्ताव साबित हो जाएगा। फिलहाल साउथ कोरिया की कोर्ट में सिर्फ 6 जज हैं, इस वजह से यह साफ नहीं है कि 7 जजों के बिना ये मुकदमा चलेगा या नहीं।
अगर यून मई 2027 में अपने पांच साल का कार्यकाल खत्म होने से पहले पद छोड़ते हैं, तो संविधान के मुताबिक, 60 दिनों के भीतर राष्ट्रपति चुनाव कराना जरूरी होगा।
राष्ट्रपति को मार्शल लॉ लगाने की जरूरत क्यों पड़ी?
दक्षिण कोरिया की संसद में कुल 300 सीटें हैं। इस साल की शुरुआत में हुए चुनाव में जनता ने विपक्षी पार्टी DPK को भारी जनादेश दिया था। सत्ताधारी पीपल पावर को सिर्फ 108 सीटें मिलीं, जबकि विपक्षी पार्टी DPK को 170 सीटें मिलीं। बहुमत में होने की वजह से विपक्षी DPK, राष्ट्रपति सरकार के कामकाज में ज्यादा दखल दे रही थी, और वे अपने एजेंडे के मुताबिक काम नहीं कर पा रहे थे।
राष्ट्रपति योल ने 2022 में मामूली अंतर से चुनाव जीता था। इसके बाद से उनकी लोकप्रियता घटती चली गई। उनकी पत्नी के कई विवादों में फंसने की वजह से भी उनकी इमेज पर असर पड़ा। फिलहाल राष्ट्रपति की लोकप्रियता 17% के करीब है, जो कि देश के तमाम राष्ट्रपतियों में सबसे कम है। इन सबसे निपटने के लिए राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लगा दिया।
राष्ट्रपति और रक्षा मंत्री समेत 9 लोगों पर केस दर्ज
मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ने यून के मार्शल लॉ लागू करने को असंवैधानिक, अवैध विद्रोह या तख्तापलट कहा है। इसे लेकर राष्ट्रपति यून और पूर्व रक्षा मंत्री सहित नौ लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।
शनिवार को महाभियोग प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले राष्ट्रपति यून सुक-योल ने मार्शल लॉ लगाने के लिए देश से माफी मांगी थी। उन्होंने लाइव टीवी पर सिर झुकाकर जनता के सामने मार्शल लॉ लगाए जाने को गलत कहा था। हालांकि उन्होंने इस्तीफे की घोषणा नहीं की।
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