सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: साउथ कोरिया में पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून ने मंगलवार देर रात हिरासत में रहने के दौरान आत्महत्या की कोशिश की। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक कानून मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि किम सियोल खतरे से बाहर हैं। फिलहाल उन्हें एक सेल में रखा गया है, जहां वे सुरक्षित हैं।

अधिकारी ने कहा कि किम ने आधी रात से कुछ पहले सियोल स्थित डोंगबू डिटेंशन सेंटर के बाथरूम में आत्महत्या करने की कोशिश की थी। उनकी स्थिति अभी खतरे से बाहर है।

रिपोर्ट के मुताबिक जब ये घटना हुई, उसी दौरान पुलिस की एक टीम राष्ट्रपति यून सुक योल के ऑफिस में छापेमारी कर रही थी। एक स्पेशल इंवेस्टिगेटिव यूनिट देश में मार्शल लॉ (आपतकाल) लगाने में राष्ट्रपति की भूमिका की जांच कर रही है।

इससे पहले 9 दिसंबर को राष्ट्रपति यून के देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। यून पहले दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति हैं, जिन पर पद पर रहते हुए देश छोड़ने पर बैन लगा है।

मार्शल लॉ मामले में गिरफ्तार होने वाले पहले शख्स बने किम साउथ कोरिया में 3 दिसंबर को राष्ट्रपति यून सुक योल ने रक्षा मंत्री किम के साथ मिलकर देश में मार्शल लॉ लगा दिया था। हालांकि, यह 6 घंटे ही चल पाया था। इसके 2 दिन बाद रक्षा मंत्री किम ने मार्शल लॉ की जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था।

साउथ कोरिया के पूर्व रक्षा मंत्री को मंगलवार रात गिरफ्तार कर लिया गया था। वे मार्शल लॉ मामले में गिरफ्तार होने वाले पहले शख्स हैं। उन पर विद्रोह, अधिकारों के दुरुपयोग समेत कई आरोप हैं। सियोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने बुधवार को उनकी गिरफ्तारी की मंजूरी दी थी। कोर्ट ने ये माना था कि जेल से बाहर रहते हुए वे सबूत नष्ट करवा सकते हैं।

राष्ट्रपति और रक्षा मंत्री समेत 9 लोगों पर केस दर्ज मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ने यून के मार्शल लॉ लागू करने को असंवैधानिक, अवैध विद्रोह या तख्तापलट कहा है। इसे लेकर राष्ट्रपति यून और पूर्व रक्षा मंत्री सहित नौ लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।

शनिवार को महाभियोग प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले राष्ट्रपति यून सुक-योल ने मार्शल लॉ लगाने के लिए देश से माफी मांगी थी। उन्होंने लाइव टीवी पर सिर झुकाकर जनता के सामने मार्शल लॉ लगाए जाने को गलत कहा था। हालांकि, उन्होंने इस्तीफे की घोषणा नहीं की।

राष्ट्रपति को मार्शल लॉ लगाने की जरूरत क्यों पड़ी? दक्षिण कोरिया की संसद में कुल 300 सीटें हैं। इस साल की शुरुआत में हुए चुनाव में जनता ने विपक्षी पार्टी DPK को भारी जनादेश दिया था। सत्ताधारी पीपल पावर को सिर्फ 108 सीटें मिलीं, जबकि विपक्षी पार्टी DPK को 170 सीटें मिलीं। बहुमत में होने की वजह से विपक्षी DPK, राष्ट्रपति सरकार के कामकाज में ज्यादा दखल दे रही थी, और वे अपने एजेंडे के मुताबिक काम नहीं कर पा रहे थे।

राष्ट्रपति योल ने 2022 में मामूली अंतर से चुनाव जीता था। इसके बाद से उनकी लोकप्रियता घटती चली गई। उनकी पत्नी के कई विवादों में फंसने की वजह से भी उनकी इमेज पर असर पड़ा। फिलहाल राष्ट्रपति की लोकप्रियता 17% के करीब है, जो कि देश के तमाम राष्ट्रपतियों में सबसे कम है। इन सबसे निपटने के लिए राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लगा दिया।

राष्ट्रपति के खिलाफ दोबारा लाया जा सकता है महाभियोग प्रस्ताव राष्ट्रपति यून सुक-योल को हटाने के लिए लाया गया महाभियोग प्रस्ताव फेल हो गया। इसे पास होने के लिए 200 वोटों की जरूरत थी, लेकिन विपक्ष के पास सिर्फ 192 सांसद ही थे। इसके अलावा सत्तारूढ़ दल के तीन सांसदों ने इसके पक्ष में वोट किया। इसके बाद वोटों को गिने बिना ही प्रस्ताव को रद्द कर दिया गया।

महाभियोग पर वोटिंग से पहले सत्ताधारी पार्टी के 108 सांसदों में से 107 ने सदन से वॉकआउट कर दिया था। हालांकि, बाद में इनमें से 3 सांसद वापस आ गए थे। आज विपक्ष राष्ट्रपति के खिलाफ फिर से महाभियोग प्रस्ताव लाने की कोशिश कर सकती है।

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