सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: साउथ चाइना सी में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस का संयुक्त युद्धाभ्यास जारी है। इसके तहत 8 मई को एक शिप को डुबोया गया। यह मिलिट्री एक्सरसाइज 22 अप्रैल को शुरू हुई थी, जो 10 मई को खत्म होगी।

इस अभ्यास में अमेरिका और फिलीपींस के 16 हजार सैनिकों के साथ ऑस्ट्रेलिया और 14 देशों के मिलिट्री ऑब्जर्वर्स भी शामिल हैं। फिलीपींस के लाओग शहर से लगे समुद्र में यह युद्धाभ्यास हो रहा है।

बीते कुछ साल से साउथ चाइना सी में फिलीपींस और चीन आमने-सामने हैं। चीन से मुकाबले के लिए फिलीपींस को तैयार करने के लिए यह अभ्यास किया जा रहा है। चीन ने इस एक्सरसाइज पर आपत्ति दर्ज जताई है।

साउथ चाइना सी में पकड़ मजबूत करना चाहता है अमेरिका

युद्ध अभ्यास के जरिए अमेरिका भी साउथ चाइना सी में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है। फिलीपींस ने कहा कि इस अभ्यास से 1950 के दशक में अमेरिका के साथ हुई रक्षा संधि को मजबूती मिलेगी। इससे पहले फिलीपींस ने विवादित क्षेत्रों में चीन की बढ़ती आक्रामकता के बारे में चिंता व्यक्त की थी।

साउथ चाइना सी में जो हलचल तेज हुई है, उसमें अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन का हाथ है। चीन यहां के दो विवादित तटों के पास लगातार शक्तिशाली जल तोपों, एक सैन्य-ग्रेड लेजर, खतरनाक युद्धाभ्यास के साथ नेवी ऑपरेशन को बढ़ा रहा है। अब इन सबसे फिलीपींस परेशान है।

भारत ने भी साउथ चाइना सी पर अपनी नजर बनाई हुई है। भारतीय नेवी की स्पेशल फोर्स मार्कोस को साउथ चाइना सी में चीन के भारत विरोधी अभियान पर ध्यान देने को कहा गया है। साथ ही उन देशों के अभियान पर भी नजर रखने की बात कही है, जो युद्ध अभ्यास कर रहे हैं। हालांकि, भारत को इससे कोई खतरा नहीं है।

कई बार हो चुकी है चीन और फिलीपींस के बीच टक्कर

कई बार चीन और फिलीपींस के बीच मामूली टक्कर हो चुकी है, जिसमें फिलीपींस की नेवी को नुकसान उठना पड़ा है। वॉशिंगटन में फिलीपींस के राजदूत जोस रोमुअलडेज़ ने कहा है कि हम (फिलीपींस) चीन की बंदूक के नीचे हैं। हमारे पास चीन से लड़ने के लिए पर्याप्त हथियार नहीं हैं। अगर जंग होती है तो हम कहां जाएंगे।