सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: साउथ अफ्रीका में 29 मई को आम चुनाव हुए थे। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक अब तक 97.25% वोटों की गिनती हो चुकी है। इसमें नेल्सन मंडेला की पार्टी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस को सबसे अधिक 40.13% वोट हासिल हुआ है, लेकिन वह सरकार बनाने के लिए जरूरी 50% वोट हासिल नहीं कर पाई।

30 साल में पहली बार ऐसा हो हुआ है कि अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (ANC) को बहुमत नहीं मिला है। वहीं, सैक्स सकैंडल और भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते सत्ता गंवाने वाले साउथ अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जूमा की पार्टी तीसरे नंबर पर रही है। उन्हें 15% वोट मिले हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वो किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं। जैकब जुमा ने कई इलाकों में ANC के वोट में सेंधमारी की है। इसी के चलते ANC बहुमत हासिल करने से चूक गई। दरअसल, 2018 में ANC से निकाले जाने के बाद जुमा ने 2019 में अपनी अलग पार्टी MK बनाई थी।

30 साल में पहली बार गठबंधन सरकार

मुख्य विपक्षी पार्टी डेमोक्रेटिक अलायंस (DA) को 21.72% वोट मिला है। वाम विचारधारा वाली पार्टी EFF को अब तक करीब 9.37% वोट मिला है। दक्षिण अफ्रीका में इस बार सबसे अधिक 70 पार्टियां मैदान में उतरी थीं। देश में करीब 2.78 करोड़ वोटर हैं। साउथ अफ्रीका की संसद में 400 सीटें हैं। किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए 201 सीटें चाहिए।

अगर सरकार चला रही ANC को चुनाव के बाद बहुमत नहीं मिल पाता है तो राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा को दूसरे सहयोगी दलों का समर्थन हासिल करना होगा। ऐसी स्थिति में पहली बार देश में गठबंधन की सरकार बन सकती है।

जानकारों का मानना है कि इस चुनाव में लगभग 18 फीसदी वोटिंग शेयर का नुकसान झेलने वाली पार्टी ANC के पास अब सिर्फ 2 विकल्प रह गए हैं। या तो वह भ्रष्टाचार के आरोप में पार्टी से निकाल चुके जैकब जुमा के साथ समझौता कर ले या फिर वो अतिवामपंथी पार्टी EFF के साथ मिलकर सरकार बनाए।

कौन हैं सेक्स सकैंडल और देश का खजाना खाली करने वाले जैकब जुमा

दक्षिण अफ्रीका के कारोबारी जगत में भारत के गुप्ता भाइयों का रसूख हुआ करता था। तीनों ने देश के राजनीतिक घरानों तक अपनी पहुंच बनाना शुरू कर दी। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा साल 1999 से 2005 तक देश के उपराष्ट्रपति थे। साल 2000 में गुप्ता ब्रदर्स जैकब जुमा के संपर्क में आए।

जुमा पर भ्रष्टाचार और दोस्त की एड्स पीड़ित बेटी से रेप करने के आरोप लगे। जैकब जुमा को उपराष्ट्रपति पद से हटा दिया गया। उन्हें 15 साल की सजा भी मिली। उस वक्त गुप्ता ब्रदर्स ने जैकब जुमा की 5 बीवियों और 23 बच्चों की पूरी तरह मदद की। जुमा के बच्चों को अपने यहां नौकरी पर रखा। जैकब को राष्ट्रपति बनाने के लिए भारी भरकम रकम खर्च की।

साल 2016 में तत्कालीन ​उप वित्त मंत्री मसोबिसि जोनास ने आरोप लगाया कि गुप्ता बंधुओं ने उन्हें वित्त मंत्री बनवाने का वादा किया था। इसके बाद तीनों पर यह भी आरोप लगे कि गुप्ता ब्रदर्स ने जैकब जुमा के साथ संबंधों का इस्तेमाल कर गलत तरीके से अपने कारोबार को बेतहाशा बढ़ाया।

साथ ही राजनीति में भी दखल देने लगे। बवाल इस कदर बढ़ गया कि दक्षिण अफ्रीका में कभी बहुत लोकप्रिय रहे पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को इन भाइयों की वजह से अपनी कुर्सी तो गंवानी ही पड़ी, उन्हें 15 महीने जेल में भी रहना पड़ा।