सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : श्री मनाकुला विनयगर इंजीनियरिंग कॉलेज ने बनाया सबसे बड़ा मानव अशोक चक्र

श्री मनाकुला विनयगर इंजीनियरिंग कॉलेज (SMVEC), जो शिक्षा और नवाचार में अपनी उत्कृष्टता के लिए प्रसिद्ध है, ने इतिहास रचते हुए सबसे बड़ा मानव अशोक चक्र बनाकर देश का नाम रोशन किया। गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्र की भावना को समर्पित इस ऐतिहासिक आयोजन ने पूरे देश को गर्वित किया।

कॉलेज के सभी विभागों के 5,000+ छात्रों, जिनमें इंजीनियरिंग, कला एवं विज्ञान, फार्मेसी, फिजियोथेरेपी, कृषि और आर्किटेक्चर शामिल हैं, ने इस 24 तीलियों वाले ऐतिहासिक अशोक चक्र का निर्माण किया। यह चक्र शांति, प्रगति और एकता का प्रतीक है। इस अद्भुत उपलब्धि को वर्ल्ड रिकॉर्ड यूनियन ने आधिकारिक रूप से मान्यता दी, जो कॉलेज और पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है।

सटीक योजना और अनुशासन का प्रदर्शन

कॉलेज परिसर में आयोजित इस अद्वितीय आयोजन को सटीक योजना और समर्पण के साथ अंजाम दिया गया। छात्रों ने अपने स्थानों पर सटीकता से खड़े होकर और उत्कृष्ट समन्वय दिखाकर इस मानव अशोक चक्र को आकार दिया। यह आयोजन राष्ट्र प्रेम और एकता का प्रतीक बना।

कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि और वक्तव्य

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री मनाकुला विनयगर ट्रस्ट के संस्थापक और अध्यक्ष श्री एम धनसेकरन ने की। इस अवसर पर कॉलेज के निदेशक और प्राचार्य श्री वी.एस.के. वेंकटचलपति ने कहा,

“यह उपलब्धि हमारे छात्रों और स्टाफ की सामूहिक भावना और संकल्प को दर्शाती है। सबसे बड़ा मानव अशोक चक्र बनाना केवल एक रिकॉर्ड बनाने के लिए नहीं है, बल्कि यह हमारे राष्ट्रीय प्रतीक में निहित मूल्यों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। हम इस उपलब्धि को भारत की भावना और गणतंत्र दिवस के आदर्शों – एकता और प्रगति – को समर्पित करते हैं।”

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की उपस्थिति

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अधिकारी इस आयोजन में उपस्थित रहे और इस अद्वितीय उपलब्धि को सत्यापित और प्रमाणित किया। यह रिकॉर्ड न केवल कॉलेज के नवाचार और प्रेरणा शक्ति को दर्शाता है, बल्कि यह युवा मनों को एक महान उद्देश्य के लिए प्रेरित करने की उनकी क्षमता का प्रमाण भी है।

यह आयोजन श्री मनाकुला विनयगर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों और कर्मचारियों की देशभक्ति और समर्पण का जीवंत उदाहरण है। यह न केवल संस्थान के लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का क्षण है।

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