सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ई प्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव विनोद सेन और अन्य कांग्रेस नेताओं ने विदिशा जिला कलेक्टर को सिरोंज को जिला बनाने के संबंध में ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में सिरोंज की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक महत्ता को उजागर करते हुए इसे पुनः जिला बनाने की मांग की गई। सिरोंज, जो पहले एक जिला रह चुका है, को 1 नवंबर 1956 को राजस्थान से मध्य प्रदेश में सम्मिलित किया गया था। ज्ञापन में बताया गया कि सिरोंज के अंतिम कलेक्टर बेजनाथ पंचौली थे।
भौगोलिक और प्रशासनिक चुनौतियाँ
सिरोंज की विदिशा जिला मुख्यालय से दूरी 85 किलोमीटर है, जबकि सिरोंज विधानसभा क्षेत्र के अंतिम छोर पर स्थित गाँव उनारसी कला की दूरी मुख्यालय से 160 किलोमीटर है। इससे लोगों को मुख्यालय तक पहुंचने में कठिनाई होती है। गरीब नागरिक आर्थिक न्याय और शासकीय योजनाओं से वंचित रह जाते हैं। ज्ञापन में बताया गया कि सिरोंज को जिला बनाने से इन समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व
सिरोंज का इतिहास 18वीं शताब्दी से जुड़ा हुआ है, जब सर जार्ज एवरेस्ट ने महान त्रिकोणमितीय सर्वेक्षण के लिए यहाँ एक वेधशाला बनाई थी। यह स्थल आज भी सिरोंज की ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक है। इसके अलावा, सिरोंज में सिक्के बनाने की एक टकसाल भी थी, जिन पर सिरोंज का नाम अंकित था। यह स्थान न केवल ऐतिहासिक, बल्कि धार्मिक और व्यापारिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
प्रशासनिक और शैक्षणिक ढांचा
सिरोंज में पहले से ही दो अपर जिला एवं सत्र न्यायालय, दो सिविल कोर्ट और एक स्वर्गीय राजीव गांधी स्मृति अस्पताल है, जिसमें 100 बेड की सुविधा उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त, यहाँ विश्वविद्यालय, कई निजी महाविद्यालय, पॉलिटेक्निक और आईटीआई कॉलेज हैं। कृषि विज्ञान केंद्र, बी-ग्रेड कृषि उपज मंडी, और बिजली विभाग के केंद्र भी यहाँ स्थित हैं। यह सारी सुविधाएँ सिरोंज को जिला बनाए जाने के लिए उपयुक्त बनाती हैं।
सात तहसीलों को मिलाकर जिला बनाने का प्रस्ताव
ज्ञापन में प्रस्ताव दिया गया कि सिरोंज, लटेरी, कुरवाई, पथरिया (उप-तहसील), आनंदपुर (उप-तहसील), सतपाड़ा हाट और दीपनाखेड़ा को मिलाकर सिरोंज को जिला बनाया जा सकता है। ये सभी क्षेत्र भौगोलिक और आर्थिक दृष्टि से सिरोंज के करीब हैं।
पूर्व के प्रयास और वर्तमान मांग
2012-13 में राजस्व विभाग ने सिरोंज को जिला बनाने का प्रस्ताव कलेक्टर विदिशा से मांगा था, जिसे तत्कालीन कलेक्टर ने 1 जून 2013 को भेजा था। यह प्रस्ताव अब तक शासन के विचाराधीन है। ज्ञापन में कहा गया कि पिछले 11 वर्षों में इन तहसीलों की जनसंख्या दोगुनी हो गई है, जिससे यह मांग और भी प्रासंगिक हो गई है।
कांग्रेस नेताओं की भूमिका
ज्ञापन सौंपने वालों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विनोद सेन, केसर खान, मोहित रघुवंशी, सुरेश यादव, इरशाद गौरी, अरुण अवस्थी, और अंकित भार्गव सहित अन्य नेता शामिल थे। उन्होंने सिरोंज को जिला बनाने के लिए आम जनता की कठिनाइयों का हवाला दिया और सरकार से इस दिशा में त्वरित कदम उठाने की अपील की।
निष्कर्ष
सिरोंज का ऐतिहासिक, भौगोलिक और प्रशासनिक महत्व इसे जिला बनाए जाने के लिए योग्य बनाता है। कांग्रेस नेताओं ने इस मांग को लेकर शासन से त्वरित निर्णय की अपील की है, ताकि सिरोंज के निवासियों को न्याय और शासकीय योजनाओं का लाभ मिल सके।
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