सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कइंटीग्रेटेड ट्रेडन्यूज़ भोपाल: कानपुर: यूपी पुलिस के एक साहसी और मेहनती अधिकारी, कृपाशंकर कन्नौजिया की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है। देवरिया के मूल निवासी कृपाशंकर ने अपने करियर की शुरुआत सिपाही के पद से की थी और अपने धैर्य, मेहनत और संकल्प के बल पर डीएसपी के पद तक पहुंचे थे। मगर एक चूक ने उनके पूरे करियर को तहस-नहस कर दिया और उन्हें वापस उसी पद पर ला दिया, जहां से उन्होंने अपने सफर की शुरुआत की थी।

उन्नति की सीढ़ियों पर चढ़ते हुए

कृपाशंकर का पुलिस सेवा में सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं था। सिपाही के पद पर रहते हुए उन्होंने आरक्षण के तहत दरोगा का पद प्राप्त किया। इसके बाद विभागीय परीक्षा पास कर उन्होंने इंस्पेक्टर रैंक हासिल किया और अपनी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के दम पर सीओ के पद पर पहुंच गए। 2021 में, वह उन्नाव जिले के बीघापुर सर्किल में डीएसपी के पद पर कार्यरत थे।

शिखर से पतन की ओर

उनकी जिंदगी में उस समय बड़ा मोड़ आया जब वह घर जाने के बहाने निकले और सीधे कानपुर के एक होटल पहुंचे। यहाँ वह एक महिला सिपाही के साथ पाए गए। संदेह की स्थिति में उनकी पत्नी ने एसपी उन्नाव को शिकायत की, जिसके बाद जांच में इस बात की पुष्टि हुई कि कृपाशंकर का आचरण विभागीय छवि के खिलाफ था।

गिरावट की कहानी

कानपुर के एक होटल में पकड़े जाने के बाद मामले की जांच एक आईपीएस अधिकारी को सौंपी गई। जांच में उनके खिलाफ आरोप सही पाए जाने पर, पुलिस महानिदेशक ने कृपाशंकर को निलंबित करने की सिफारिश की। इसके बाद उन्हें न केवल निलंबित किया गया, बल्कि पदावनत कर वापस सिपाही के पद पर भेज दिया गया। अब वह गोरखपुर के 26वीं वाहिनी में तैनात हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक ज्वाइन नहीं किया है।

सीख: एक गलती, सबकुछ बदल सकती है*

कृपाशंकर कन्नौजिया की कहानी एक स्पष्ट उदाहरण है कि कैसे एक छोटी सी गलती पूरे करियर को बर्बाद कर सकती है। यह हर किसी के लिए एक सबक है कि चाहे आप कितनी भी ऊंचाई पर क्यों न हों, ईमानदारी और नैतिकता कभी नहीं छोड़नी चाहिए।

कृपाशंकर का जीवन संघर्ष और सफलता की कहानी है, लेकिन यह भी दिखाता है कि एक गलत कदम कैसे किसी की सारी मेहनत पर पानी फेर सकता है। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि मेहनत से जो कुछ भी हासिल किया जा सकता है, वह ईमानदारी और सच्चाई के साथ ही बनाए रखा जा सकता है।