सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: भारतीय उच्चायोग सिंगापुर और सेंटर फॉर लैंग्वेज स्टडीज, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ सिंगापुर द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रीय हिंदी सम्मेलन का समापन भव्य समारोह पूर्वक हुआ। इस अवसर निदेशक संतोष चौबे, कुलाधिपति, रबींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, निदेशक, विश्व र॔ग को वैश्विक स्तर पर हिंदी भाषा, साहित्य, संस्कृति, व कलाओं के प्रचार– प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान के लिए ‘विश्व हिंदी शिखर सम्मान 2024’ से सम्मानित किया गया।
निदेशक संतोष चौबे को यह अंतरराष्ट्रीय सम्मान सिंगापुर में भारतीय उच्चायुक्त शिल्पक अम्बुले ,विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त सचिव रवि जायसवाल, विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस की महासचिव माधुरी रामधारी ,केंद्रीय हिंदी संस्थान के उपाध्यक्ष सुरेंद्र दुबे और संगम सिंगापुर की अध्यक्ष संध्या सिंह ने प्रदान किया। इस अवसर पर निदेशक संतोष चौबे ने अतिथियों को ‘विश्व में हिंदी ‘पुस्तक और मॉरिशस में संपन्न विश्व रंग के प्रकाशन भी भेंट किये।
उल्लेखनीय है कि ‘दक्षिण पूर्व एशिया में हिन्दी – विकास की अभिनव दिशाएँ’.विषय पर आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रीय सम्मेलन में ‘हिंदी शिक्षण की आधुनिक पद्धतियाँ’, ‘हिंदी व्याकरण का भाषा शिक्षण में अनुप्रयोग और शिक्षण सामग्री’, ‘शिक्षक प्रशिक्षण और नवीनीकरण’, ‘पड़ोसी देशों में हिंदी शिक्षण की स्थिति और संभावनाएँ’, ‘हिंदी सीखने में छात्रों के सामने आने वाली चुनौतियाँ और समस्याएँ’, ‘कृत्रिम मेधा – संभावनाएँ और चुनौतियाँ’, ‘हिंदी शिक्षण में AI का उपयोग’, ‘वेब-आधारित संसाधन’, ‘प्रवासी साहित्य – भविष्य की दिशाएँ’, ‘एशियाई हिंदी संस्थानों के बीच सहयोग’, ‘अंतरभाषी अनुवाद’, ‘विरासत की भाषा, विदेशी भाषा, द्वितीय भाषा अधिग्रहण’ आदि महत्वपूर्ण विषयों पर रचनात्मक विचार–विमर्श हुए।
प्रतिष्ठित ‘विश्व हिंदी शिखर सम्मान–2024’ के लिए निदेशक संतोष चौबे को ‘विश्व रंग’ टैगोर अंतर्राष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव, विश्व रंग सचिवालय, टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केंद्र, प्रवासी भारतीय साहित्य एवं संस्कृति शोध केन्द्र, टैगोर विश्व कला एवं संस्कृति केंद्र, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, स्कोप ग्लोबल स्किल्स विश्वविद्यालय, सी.वी. रामन विश्वविद्यालय, बिलासपुर, खंडवा, वैशाली, आईसेक्ट विश्वविद्यालय, हजारीबाग, आईसेक्ट पब्लिकेशन, वनमाली सृजन पीठ, समस्त वनमाली सृजन केंद्रों तथा साहित्य, कला संस्कृति की सहयोगी संस्थाओं की ओर से हार्दिक बधाई।