आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: प्रेम चोपड़ा की गिनती बॉलीवुड के खूंखार विलेन्स में होती है। आज उन्हीं प्रेम चोपड़ा का 88वां बर्थडे। 60 साल के करियर में उन्होंने 380 से अधिक फिल्मों में काम किया है मगर वो सिर्फ 1 फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजे गए।
प्रेम के पिता का सपना था कि वो डॉक्टर बनें, लेकिन वो IAS ऑफिसर बनना चाहते थे। बाद में एक्टिंग का जुनून ऐसा हुआ कि वो फिल्मों में आ गए।
कॉलेज के वक्त सिगार पीना उन पर भारी पड़ गया था। वहीं जब वो फिल्मों में आए तो विलेन के रोल में ऐसे जंचे कि रियल लाइफ में भी लोग उन्हें विलेन समझने लगे।
प्रेम चोपड़ा के बर्थडे पर पढ़िए उनकी लाइफ के दिलचस्प किस्से….
किस्सा-1- पिता का सपना था डॉक्टर बनें, लेकिन प्रेम IAS बनना चाहते थे
ब्रिटिश इंडिया के लाहौर में 23 सितंबर 1935 को प्रेम चोपड़ा का जन्म हुआ था। वो कुल 5 भाई और एक छोटी बहन में एक थे। उनके पिता रणबीर लाल एक कंपनी में अकाउंट ऑफिसर थे। परिवार एक सुखी माहौल में जी रहा था, लेकिन तभी भारत-पाकिस्तान बंटवारे का दौर शुरू हो गया। इसका बुरा असर उनके परिवार पर भी पड़ा।
आखिरकार परिवार लाहौर में अपना सब कुछ छोड़ कुछ दिनों के लिए पंजाब आ गया। यहां पर रणबीर लाल की बहन रहती थीं। कुछ दिनों तक पंजाब में रहने के बाद प्रेम चोपड़ा का पूरा परिवार शिमला शिफ्ट हो गया। यहां पर परिवार ने एक नए सिरे से जिंदगी की शुरुआत की।
शिमला के एस.डी. सीनियर सेकेंडरी ने प्रेम ने अपनी पढ़ाई पूरी की। पिता का सपना था कि वो डॉक्टर बनें, लेकिन प्रेम IAS अधिकारी बनने का ख्वाब सजा रहे थे। हालांकि, किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं थी कि वो आगे चलकर फिल्म इंडस्ट्री के टॉप विलेन बनकर उभरेंगे।
किस्सा-2- सिगार पीने पर पिता ने मारा था थप्पड़
कॉलेज के दिनों में एक बार अपने दोस्त की जिद पर प्रेम ने सिगार पी ली। ये पहली बार था जब उन्होंने सिगार को हाथ लगाया था। इससे पहले उन्होंने कभी भी सिगरेट या सिगार नहीं पी थी। जब उन्होंने सिगार पिया, तो पहले बहुत खांसी आई, लेकिन बाद में उन्हें सब कुछ अच्छा लगने लगा।
वो सिगार पी ही रहे थे, तभी धुएं के पीछे से एक शख्स आए और उन्होंने प्रेम को जोरदार थप्पड़ लगाया। वो शख्स उनके पिता थे। इस घटना के बाद प्रेम ने रियल लाइफ में सिगरेट जैसी चीजों को कभी भी हाथ नहीं लगाया। हां, फिल्म के किरदार के हिसाब से उन्होंने इन चीजों का इस्तेमाल किया है।
वक्त के साथ प्रेम का रुझान फिल्मों की तरफ हो गया। वो दोस्तों के साथ उस वक्त की सभी एक्शन फिल्में देखा लगे। मैट्रिक्स की पढ़ाई वो साइंस साइड से कर रहे थे, लेकिन एक्टिंग का जुनून ऐसा हुआ कि उन्होंने स्ट्रीम बदलकर आर्ट में एडमिशन ले लिया। इस बात से पिता बहुत नाराज हुए थे, लेकिन प्रेम ने सिर्फ अपने दिल की बात सुनी। प्रेम जिस कॉलेज में पढ़ते थे, वहां उनके सीनियर अमरीश पुरी थे।