भारत सरकार ने हाल ही में अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर श्री विजया पुरम कर दिया। यह कदम न केवल भारत के स्वतंत्रता संग्राम की गाथा को पुनर्जीवित करता है, बल्कि देश के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों को संजोने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
क्यों जरूरी था यह बदलाव?
पोर्ट ब्लेयर का नाम अंग्रेजों के औपनिवेशिक शासन का प्रतीक था। यह शहर 1858 में स्थापित किया गया था, जब अंडमान द्वीप समूह को अंग्रेजों ने ‘काला पानी’ के रूप में इस्तेमाल करना शुरू किया। यह नाम भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष और बलिदान को भुला देने का कारण बन गया।
श्री विजया पुरम नामकरण, प्राचीन भारतीय संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व को पुनर्जीवित करने का प्रयास है। ‘श्री विजया’ नाम प्राचीन भारतीय साम्राज्य श्रीविजय से प्रेरित है, जो दक्षिण पूर्व एशिया में भारतीय संस्कृति और समुद्री व्यापार के प्रसार का प्रतीक था।
ऐतिहासिक संदर्भ
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह स्वतंत्रता संग्राम का एक अभिन्न हिस्सा रहे हैं। यह वही भूमि है जहां सेलुलर जेल में हजारों स्वतंत्रता सेनानियों को अमानवीय परिस्थितियों में कैद किया गया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 1943 में अंडमान और निकोबार को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराने का ऐलान किया और इसे आजाद हिंद फौज के अधीन लाया। श्री विजया पुरम नामकरण इन ऐतिहासिक घटनाओं को सम्मान देने का प्रतीक है।
राजनीतिक और सांस्कृतिक संदेश
नाम परिवर्तन के जरिए सरकार ने यह संदेश दिया है कि औपनिवेशिक नामों को हटाना और भारतीय संस्कृति को पुनर्स्थापित करना उसकी प्राथमिकता है। यह कदम केवल एक नाम बदलने तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत के गौरवशाली अतीत को वर्तमान पीढ़ी तक पहुंचाने की कोशिश है।
सवाल भी खड़े होते हैं
हालांकि, इस नाम परिवर्तन के साथ कुछ आलोचनाएं भी जुड़ी हुई हैं। कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या नाम बदलने से औपनिवेशिक मानसिकता समाप्त हो सकती है? क्या यह कदम सिर्फ सांकेतिक है या इससे द्वीपसमूह के लोगों की समस्याओं को हल करने की कोशिश भी की जाएगी, जैसे आधारभूत ढांचे का विकास और रोज़गार के अवसर बढ़ाना?
निष्कर्ष
श्री विजया पुरम का नामकरण एक स्वागत योग्य पहल है, जो भारत की सांस्कृतिक जड़ों और स्वतंत्रता संग्राम की विरासत को पुनर्जीवित करता है। हालांकि, यह भी आवश्यक है कि सरकार इस क्षेत्र के लोगों के सामाजिक और आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करे। नाम बदलने का वास्तविक प्रभाव तभी नजर आएगा जब यह ऐतिहासिक सम्मान के साथ-साथ द्वीपसमूह के लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाए।
हर कदम भारत के गौरव को संजोने और भविष्य को बेहतर बनाने का माध्यम बनना चाहिए।
#श्रीविजयापुरम #इतिहास #संस्कृति #ऐतिहासिकपहल