सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : ट्रस्टवेल हॉस्पिटल्स (TRUSTWELL Hospitals), जो एशिया का एक प्रमुख चिकित्सा संस्थान है और जटिल पुनर्निर्माण सर्जरी में विशेषज्ञता रखता है, ने एक ऐतिहासिक कान पुनर्निर्माण सर्जरी सफलतापूर्वक पूरी की है। इस सर्जरी ने मलेशिया के 14 वर्षीय हिमालेश (बदला हुआ नाम) का जीवन बदल दिया है।

हिमालेश जन्मजात माइक्रोटिया नामक एक दुर्लभ विकार के साथ पैदा हुए थे, जो हर 10,000 बच्चों में से 1 को प्रभावित करता है। इस स्थिति में बाहरी कान विकसित नहीं होते, जिससे उनकी सुनने की क्षमता और सामाजिक विकास पर गहरा असर पड़ा।

मलेशिया में स्थानीय स्तर पर कई सर्जरी कराने के बावजूद हिमालेश को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उनके माता-पिता ने एक उन्नत और स्थायी समाधान की तलाश में गहन शोध किया और बेंगलुरु स्थित ट्रस्टवेल हॉस्पिटल्स को चुना, जो जटिल कान पुनर्निर्माण सर्जरी में विशेषज्ञता के लिए प्रसिद्ध है।

जटिल 10 घंटे की सर्जरी, विशेषज्ञ डॉक्टरों का प्रयास

डॉ. विश्वास विजयदेव, डॉ. श्रेयस प्रदीप और डॉ. श्राव्या काकोल्लू के नेतृत्व में ट्रस्टवेल हॉस्पिटल्स की एक विशेष टीम ने अत्यधिक जटिल 10 घंटे की सर्जरी को अंजाम दिया। इस प्रक्रिया में हिमालेश की अपनी पसलियों से प्राप्त कार्टिलेज का उपयोग करके एक नया कान तैयार किया गया। प्राकृतिक दिखावट के लिए उनके पिता के कान को एक टेम्पलेट के रूप में इस्तेमाल किया गया। यह सर्जरी अत्यधिक सटीकता की मांग करती थी, ताकि चेहरे की नसों को कोई नुकसान न पहुंचे और सुनने की क्षमता तथा सौंदर्यात्मक संरचना दोनों को सफलतापूर्वक बहाल किया जा सके।

माइक्रोटिया को लेकर जागरूकता ज़रूरी – डॉ. विश्वास विजयदेव

ट्रस्टवेल हॉस्पिटल्स, बेंगलुरु के कंसल्टेंट प्लास्टिक एवं रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी विशेषज्ञ डॉ. विश्वास विजयदेव ने माइक्रोटिया और उसकी सर्जिकल समाधान को लेकर जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा,

“माइक्रोटिया से प्रभावित कई बच्चे सामाजिक कलंक के डर से चुपचाप पीड़ा सहते हैं या कृत्रिम कान (प्रोस्थेटिक) का सहारा लेते हैं, जो स्थायी समाधान नहीं है। पसलियों के कार्टिलेज से पुनर्निर्माण की यह नवीनतम तकनीक प्राकृतिक और स्थायी कान संरचना प्रदान करती है, जिससे सौंदर्य और कार्यक्षमता दोनों बहाल होते हैं।”

सर्जरी दो चरणों में पूरी होगी

इस पुनर्निर्माण प्रक्रिया को दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहली सर्जरी के माध्यम से बेसिक कान संरचना सफलतापूर्वक बनाई गई और इसे त्वचा से जोड़कर प्राकृतिक रूप दिया गया। छह महीनों बाद होने वाली दूसरी सर्जरी में कान का बाहरी आकार पूरी तरह से विकसित किया जाएगा और एक श्रवण मार्ग बनाया जाएगा, जिससे सुनने की क्षमता में सुधार होगा।

माँ ने जताई कृतज्ञता, हिमालेश को मिला नया आत्मविश्वास

हिमालेश की माँ ने सफल सर्जरी पर राहत और आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा,

“यह सर्जरी मेरे बेटे के लिए जीवन बदलने वाली साबित हुई है। वह अपनी स्थिति के कारण खुद को अलग-थलग और असहज महसूस करता था, लेकिन अब उसमें नया आत्मविश्वास आ गया है। ट्रस्टवेल हॉस्पिटल्स की टीम ने न सिर्फ़ उसे एक कान दिया है, बल्कि एक उज्जवल भविष्य भी प्रदान किया है। हम उनकी बारीकी, देखभाल और विशेषज्ञता के लिए दिल से आभारी हैं।”

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