भोपाल । अगले दो दिन तक प्रदेश के ग्वालियर, चंबल, उज्जैन संभागों के जिलों में बौछारें पड़ने की स्थिति बनती रहेगी। इसके बाद मानसून ब्रेक की स्थिति बनने के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार, राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात मौजूद है। साथ ही वातावरण में बड़े पैमाने पर नमी मौजूद है। इस वजह से ग्वालियर, चंबल, उज्जैन संभाग के जिलों में बौछारें पड़ी रही हैं। मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि पूर्वी उप्र और उससे लगे बिहार पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इस वजह से पूर्वी उप्र से लगे मप्र के रीवा संभाग के जिलों में कहीं-कहीं बारिश हो रही है। उधर दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इस सिस्टम के असर से ग्वालियर, चंबल, उज्जैन संभागों के जिलों में बारिश हो रही है। इसके अतिरिक्त वातावरण में नमी बरकरार रहने से तापपान बढ़ने पर भी गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने लगती हैं। साहा ने बताया कि मानसून ट्रफ हिमालय की तराई में पहुंच रहा है। इस वजह से दो दिन बाद प्रदेश में बारिश की गतिविधियों में काफी कमी आने के आसार हैं। बता दें कि मध्यप्रदेश में मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक सीजन की कुल 605.5 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। जो सामान्य (550.4 मिमी.) की तुलना में 10 फीसद अधिक है। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक गुना में 21, पचमढ़ी में 20, सतना में 10, नरसिंहपुर में सात, रीवा में चार, छिंदवाड़ा में तीन, जबलपुर में 1.7, दमोह, मलाजखंड में एक, सागर में 0.2 मिलीमीटर बारिश हुई। राजधानी में कहीं-कहीं बूंदाबांदी हुई। मंगलवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 28.7 डिग्रीसेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य रहा। न्यूनतम तापमान 23.5 डिग्रीसे. रिकार्ड किया गया। यह सामान्य से एक डिग्रीसे. अधिक रहा।