सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: सिंधुदुर्ग: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में स्थित राजकोट किले पर बनी छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा सोमवार, 26 अगस्त को गिर गई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घटना के पीछे तेज हवाओं को जिम्मेदार ठहराया, जिसमें 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही थी। यह प्रतिमा 8 महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नेवी डे पर उद्घाटन की गई थी।
मुख्यमंत्री शिंदे ने बताया कि नेवी ने शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा की डिजाइनिंग और निर्माण किया था। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रतिमा को दुबारा मजबूत तरीके से बनाया जाएगा। इस मामले में पुलिस ने कॉन्ट्रेक्टर जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल के खिलाफ FIR दर्ज की है।
PWD मंत्री की टिप्पणी और विपक्ष का हमला
PWD मंत्री रवींद्र चव्हाण ने कहा कि प्रतिमा बनाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने नेवी को 2.36 करोड़ रुपए दिए थे, लेकिन प्रतिमा में इस्तेमाल किए गए स्टील में जंग लगने की जानकारी पहले ही नेवी को दी गई थी। वहीं, विपक्षी दलों ने घटना के बाद एनडीए सरकार की आलोचना की। शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे और NCP सांसद सुप्रिया सुले ने आरोप लगाया कि चुनावी लाभ के लिए स्मारक जल्दबाजी में बनाया गया, जिससे इसकी गुणवत्ता में कमी रही।
नेवी ने जांच के आदेश दिए
इंडियन नेवी ने घटना की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच के आदेश दिए हैं और मूर्ति की मरम्मत और पुनः स्थापना के लिए एक टीम नियुक्त की है। नेवी का कहना है कि इस घटना के पीछे के कारणों की विस्तृत जांच की जाएगी।
विपक्ष के आरोप और बयान
शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने घटना को चुनावी जल्दबाजी का परिणाम बताते हुए कहा कि शिवाजी महाराज का स्मारक केवल 8 महीनों में ढह गया, जो कि सरकार की विफलता को दर्शाता है। NCP नेता सुप्रिया सुले ने इसे शिवाजी महाराज का अपमान बताते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री और जनता के साथ धोखा है।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
इस घटना ने पहले की कुछ घटनाओं की याद दिला दी, जब दिल्ली एयरपोर्ट और जबलपुर एयरपोर्ट की छतें गिरने की खबरें आई थीं। इन दोनों मामलों में भी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए गए स्थानों पर दुर्घटनाएं हुई थीं।