सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: भरत भार्गव, इंदौर के पास बालियाखेड़ा की प्राथमिक स्कूल में पोस्टेड शिक्षक हैं। उनका सफर 1998 में शिक्षाकर्मी के रूप में शुरू हुआ, लेकिन कम वेतन और सेवा शर्तों को देखते हुए उन्होंने सिस्टम के खिलाफ लड़ने का फैसला किया। उनकी लंबी लड़ाई का नतीजा यह रहा कि 1996 में जो शिक्षक 500 रुपए की पगार पाते थे, आज उनकी पगार 70 हजार रुपए तक पहुंच चुकी है।
भरत बताते हैं कि शिक्षक की पगार इतनी कम थी कि उन्हें घर चलाने के लिए नौकरी के साथ अंडे, बिस्किट और सब्जी तक बेचनी पड़ी। आंदोलन के दौरान जेल गए, सस्पेंड हुए और धमकियों का सामना किया, लेकिन डटे रहे। सबसे लंबा आंदोलन 2004 में 56 दिनों तक चला।
वर्तमान में अध्यापक अधिकार संघ के प्रदेशाध्यक्ष भरत भार्गव अब पेंशन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनका कहना है कि पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल करना ही अब उनका लक्ष्य है, ताकि सेवानिवृत्ति के बाद शिक्षकों को सम्मानजनक पेंशन मिल सके।