सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: शिक्षक भर्ती चयन परीक्षा 2023 वर्ग-1 के 4 हजार से अधिक अभ्यर्थियों अपने नियुक्ति पत्र नहीं मिलने को लेकर इन दिनों परेशान हैं, उन्होंने डीपीआई, व शिक्षा मंत्री में इस संबंध में शिकायती ज्ञापन भी दिया है। बताया जा रहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग एवं जनजातीय कार्य विभाग के स्कूलों में उच्च माध्यमिक शिक्षक के नियुक्ति के लिए पात्र 4921 अभ्यर्थियों मेरिट लिस्ट 20 फरवरी को जारी की थी, जिसके बाद से यह आवेदक नियुक्ति या नियुक्ति पत्र का का इंतजार कर रहे हैं। बता दें कि यह चयन परीक्षा 8 हजार से अधिक पदों के लिए आयोजित की गई थी।

8720 पदों के लिए चयनित हुए 4921 अभ्यर्थी

उच्च माध्यमिक चयन परीक्षा 2023 में 16 विषयों के लिए हुई परीक्षा के माध्यम से 8,720 पदों की पूर्ति होना थी, जिसमें से 3,700 पद बैकलॉग के थे, मगर पिछड़ा वर्ग के 13% पद होल्ड होने ओर कुछ पदों पर पात्रता पूरी न करने के कारण कर्मचारी चयन मंडल द्वारा मात्र 4921 अभ्यर्थी की मेरिट लिस्ट जारी की गई है। जिसके बाद से यह आवेदक अपनी नियुक्ति पत्र का इंतजार कर रहे हैं।

अभी तक नहीं हुई डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और चॉइस फिलिंग

​​​​​​चयनित अभ्यर्थी रॉबिन अग्रवाल ने बताया कि हम लोग मध्य प्रदेश शिक्षक चयन परीक्षा 2023 के चयनित अभ्यर्थी हैं, हमारे साथ अन्य परीक्षाएं जो कि चयन मंडल बोर्ड द्वारा ली गईं थीं उन सारी परीक्षाओं के रिजल्ट फरवरी में जारी किए हैं। हमारी परीक्षा का रिजल्ट 20 फरवरी को जारी किया है, जिसकी चयन सूची भी विभागों को जारी कर दी गई है। हमारे ना तो अभी तक डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन की गई है और ना ही अभी तक चॉइस फिलिंग या अन्य कोई प्रक्रिया संपन्न हुई है। हम लोग मानसिक तौर पर परेशान हैं नया सत्र शुरू हो चुका है हमें समझ नहीं आ रहा है कि हम लोगों को नियुक्ति पत्र कब प्रदान किए जाएंगे।

1 अप्रैल से स्कूलों में नवीन शैक्षणिक सत्र शुरू

रिजल्ट जारी होने के एक महीने बाद भी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र मिलने का इंतजार हैं। दूसरी तरफ 1 अप्रैल से स्कूलों में नवीन शैक्षणिक सत्र शुरू हो रहा हैं। एक अभ्यर्थी ने बताया कि स्कूलों में रिक्त पदों से पढ़ाई प्रभावित न हो, सरकारी स्कूलों में अच्छे शिक्षकों की नियुक्ति हो इसलिए इस बार पात्रता एवं चयन दो दो परीक्षा लेकर उनका चयन किया गया हैं, इस चयन प्रक्रिया में ही चयनित शिक्षकों के 15 महीने बीत गए तब जाकर उनका चयन हुआ।