सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : शिक्षाग्रह अवॉर्ड्स 2025: शिक्षा के अनसUNG नायकों का सम्मान

शिबुलाल फैमिली परोपकारी पहल (SFPI) द्वारा प्रस्तुत शिक्षाग्रह अवॉर्ड्स 2025 ने चार असाधारण बदलाव लाने वाले व्यक्तियों का सम्मान किया, जिनकी दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता ने सार्वजनिक शिक्षा को अधिक समावेशी और न्यायसंगत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इनवोक्ड 4.0 में शिक्षाग्रह अवॉर्ड्स की भव्य प्रस्तुति

भारत के सबसे बड़े शिक्षा नेतृत्व संवाद इनवोक्ड 4.0 के दौरान प्रस्तुत किए गए यह पुरस्कार शिक्षालोकम द्वारा आयोजित किए गए थे, जो SFPI के तत्वावधान में स्थापित एक संगठन है।

शिक्षाग्रह अवॉर्ड्स उन नायकों को सम्मानित करता है जिन्होंने शिक्षा में प्रणालीगत बाधाओं को दूर कर, नवाचार और प्रतिबद्धता के माध्यम से बदलाव लाने में योगदान दिया।

इस संवाद में 1,000 से अधिक सिविल सोसायटी, सरकारी अधिकारी, कॉर्पोरेट जगत और मीडिया के नेता शामिल हुए, जिन्होंने सार्वजनिक शिक्षा में जमीनी स्तर पर बदलाव लाने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया।

प्रत्येक विजेता को INR 10 लाख का पुरस्कार प्रदान किया जाएगा, जिससे वे अपने समुदायों में लंबे समय तक प्रभाव डालने वाले प्रयासों को और आगे बढ़ा सकें।

मिलिए 2025 शिक्षाग्रह अवॉर्ड विजेताओं से

1️⃣ रजिता एन (मायसूर, कर्नाटक)

महिला एवं बाल विकास विभाग, कर्नाटक में पर्यवेक्षक के रूप में कार्यरत रजिता एन ने जनजातीय क्षेत्रों में प्रारंभिक बाल शिक्षा को सुदृढ़ करने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।

उन्होंने संस्कृति-संवेदनशील रणनीतियों और तकनीकी नवाचारों के माध्यम से प्राथमिक शिक्षा नामांकन में अभूतपूर्व वृद्धि की, जिससे समुदाय की भागीदारी भी मजबूत हुई।

2️⃣ रंजन कुमार (बेगूसराय, बिहार)

राजकीय मध्य विद्यालय, बेगूसराय के स्कूल लीडर रंजन कुमार ने एक संघर्षरत स्कूल को आदर्श विद्यालय में बदल दिया।

उन्होंने 169% अधिक नामांकन दर प्राप्त की और मल्टीमीडिया वर्चुअल क्लासरूम और छात्र-संचालित प्रकाशनों जैसे नवाचारों के माध्यम से शिक्षा को जीवंत और प्रभावी बनाया।

3️⃣ जेवियर चंद्र कुमार (विल्लुपुरम, तमिलनाडु)

वल्लालार गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, विल्लुपुरम के प्रधानाध्यापक जेवियर चंद्र कुमार ने अपने स्कूल का समग्र विकास किया।

उन्होंने एक विकास परियोजना से उत्पन्न बुनियादी ढांचे की गंभीर क्षति और विद्यालय में सामाजिक विभाजन को दूर करने के लिए सामुदायिक विश्वास को फिर से स्थापित किया। उनकी समर्पित पहल ने छात्रों के अनुशासन और शैक्षणिक प्रदर्शन में महत्वपूर्ण सुधार किए।

⭐ विशेष उल्लेख – मुस्कान अहिरवार (भोपाल, मध्यप्रदेश)

सिर्फ 17 वर्ष की उम्र में मुस्कान अहिरवार भोपाल के दुर्गानगर स्लम में असहाय बच्चों के लिए आशा की किरण बन गई हैं।

उनकी पहल ‘किताबी मस्ती’ लाइब्रेरी बच्चों को निःशुल्क पुस्तकें और संरचित शिक्षा के अवसर प्रदान करती है, जिससे छोटे बच्चों के उज्जवल भविष्य का निर्माण हो रहा है।

नवाचार और शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का उत्सव

शिक्षाग्रह अवॉर्ड्स 2025 उन नायकों की पहचान करता है जो शिक्षा प्रणाली को बेहतर और समावेशी बनाने में योगदान दे रहे हैं। इन विजेताओं के प्रयासों से हजारों छात्रों का भविष्य प्रकाशमान हुआ है, और उनकी कहानियाँ समाज के लिए प्रेरणास्रोत बन गई हैं।

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