सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत में स्थिति गंभीर हो गई है। 5 अगस्त 2024 को, जब बांग्लादेश में हिंसा चरम पर थी, शेख हसीना अपनी बहन रेहाना के साथ बांग्लादेश छोड़कर भारत आईं। वे शाम को हिंडन एयरबेस पहुंचीं, लेकिन उनकी मुसीबतें यहीं खत्म नहीं हुईं। बांग्लादेश में उनके खिलाफ हत्या के 63 मामलों सहित कुल 76 केस दर्ज किए जा चुके हैं, और अब उनके पास सिर्फ 20 दिन भारत में रहने का समय बचा है, क्योंकि उनके डिप्लोमैटिक पासपोर्ट रद्द कर दिए गए हैं।

भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण समझौता: क्या कहता है कानून?

2013 में भारत और बांग्लादेश के बीच हुए प्रत्यर्पण समझौते के अनुसार, दोनों देश एक-दूसरे के यहां पनाह लेने वाले भगोड़ों को वापस भेजने की मांग कर सकते हैं। हालांकि, भारत राजनीति से जुड़े मामलों में प्रत्यर्पण से इनकार कर सकता है, लेकिन हत्या और किडनैपिंग जैसे संगीन मामलों में ऐसा करना मुश्किल हो सकता है।

बांग्लादेश ने 2015 में यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम के नेता अनूप चेतिया को भारत को सौंपा था, और भारत भी बांग्लादेश के कई भगोड़ों को वापस भेज चुका है। समझौते में 2016 में हुए संशोधन के अनुसार, प्रत्यर्पण की मांग करने वाले देश को अपराध के सबूत देने की आवश्यकता नहीं है, जिससे हसीना के लिए मुश्किलें और बढ़ जाती हैं।

क्या बांग्लादेश शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर सकता है?

हसीना पर हत्या, किडनैपिंग जैसे आरोप लगे हैं, जो कि समझौते के अनुसार राजनीतिक प्रकृति के अपराध नहीं माने जा सकते। 13 अगस्त को एक किराना स्टोर के मालिक की हत्या के मामले में उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ था, और इसके अलावा अन्य कई संगीन मामलों में भी उन्हें आरोपी बनाया गया है। बांग्लादेश सरकार हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर सकती है।

क्या भारत शेख हसीना को बांग्लादेश को सौंपेगा?

भारत हसीना के प्रत्यर्पण से इनकार कर सकता है, यह कहते हुए कि उनके खिलाफ लगे आरोपों का कोई ठोस आधार नहीं है। हालांकि, यह कदम भारत-बांग्लादेश के संबंधों पर बुरा असर डाल सकता है।

भारत को इस मामले में क्या करना चाहिए?

भारत को इस मामले में अपने आर्थिक और रणनीतिक हितों को ध्यान में रखते हुए फैसला लेना होगा। वहीं, उसे पुरानी मित्र और सहयोगी शेख हसीना के साथ खड़ा भी दिखना होगा। फिलहाल, बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ सिर्फ एफआईआर दर्ज हुई हैं, और जांच अभी जारी है। ऐसे में इस मामले में किसी निष्कर्ष तक पहुंचने में समय लग सकता है।

भारत के सामने यह चुनौती है कि वह बांग्लादेश के साथ संबंधों को संतुलित रखते हुए इस मामले को किस तरह से संभालता है।