सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: बांग्लादेश के मशहूर ऑलराउंडर शाकिब अल हसन ने आज अचानक संन्यास की घोषणा कर दी। गुरुवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शाकिब ने कहा कि अगर वह अपने देश नहीं लौट सके तो कानपुर में होने वाला टेस्ट मैच उनका आखिरी मुकाबला होगा। हाल ही में शाकिब को मीरपुर में साउथ अफ्रीका के खिलाफ आखिरी टेस्ट खेलने की अनुमति दी गई है, लेकिन उनके भारत दौरे पर खेली जा रही श्रृंखला के दौरान कानपुर टेस्ट में उनकी भागीदारी को लेकर संशय बना हुआ है।
37 वर्षीय शाकिब ने कहा, “मैंने अपने बोर्ड से मीरपुर में आखिरी टेस्ट खेलने की इच्छा जताई है, और वे मेरी वापसी के प्रयास कर रहे हैं। अगर ऐसा नहीं हो पाता है, तो इंडिया के खिलाफ कानपुर टेस्ट मेरा अंतिम मुकाबला होगा।”
विवादों से घिरा करियर
शाकिब पर एक छात्र की हत्या का आरोप भी है, हालांकि वे पहले भी कई विवादों में रहे हैं। रफिकुल इस्लाम नामक एक व्यक्ति ने शाकिब समेत 147 लोगों पर 5 अगस्त को गोलीबारी का आदेश देने का आरोप लगाया, जिसमें उनके बेटे रुबेल की मौत हो गई थी। हालांकि, रुबेल की हत्या के समय शाकिब कनाडा में ग्लोबल टी-20 लीग खेल रहे थे।
स्वास्थ्य समस्याएं और प्रदर्शन
शाकिब हाल ही में सेंट्रल सीरस कोरियोरेटिनोपैथी (CSC) नामक आंखों की समस्या से जूझ रहे हैं, जिसकी वजह से उनकी नजर प्रभावित हो रही है। इसी वजह से भारत के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में शाकिब गले में काला धागा पहने नजर आए थे। उन्होंने इस टेस्ट में खास प्रदर्शन नहीं किया, जहां वे पहली पारी में 32 और दूसरी पारी में 25 रन ही बना सके थे।
सियासत में भी सक्रिय रहे शाकिब
शाकिब सिर्फ क्रिकेट तक सीमित नहीं रहे, बल्कि बांग्लादेश की सियासत में भी हिस्सा लिया। शेख हसीना की सरकार में मंत्री रहे शाकिब इस साल सांसद बने थे। हालांकि, देश में हिंसक प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा और अब देश की अंतरिम सरकार का नेतृत्व नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद युनूस कर रहे हैं।
शाकिब का करियर जितना शानदार रहा है, उतना ही विवादों से घिरा हुआ भी रहा है