सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : एसजीटी विश्वविद्यालय के एलाइड हेल्थ साइंसेज संकाय ने शैक्षणिक और औद्योगिक सहयोग में एक नई मिसाल कायम करते हुए “फूड इनोवेशन और टेक्नोलॉजी: वर्तमान चुनौतियों और भविष्य की संभावनाओं को जोड़ना” विषय पर राष्ट्रीय समिट का आयोजन किया।
यह समिट खाद्य सुरक्षा, पोषण विज्ञान और विनियामक तंत्र में क्रांतिकारी बदलावों की दिशा में एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा, जो संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के तहत आयोजित किया गया। इसमें विचारकों, वैश्विक विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं का संगम देखने को मिला।
इस प्रतिष्ठित समिट में कई प्रभावशाली वक्ताओं ने शिरकत की, जिन्होंने खाद्य नियमों और नवाचारों के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। प्रमुख वक्ताओं में शामिल थे:
श्री संजय डेव – पूर्व अध्यक्ष, कोडेक्स एलीमेंटेरियस और एफएसएसएआई के सलाहकार, जिन्हें वैश्विक खाद्य मानकों में योगदान के लिए जाना जाता है।
डॉ. डी. कणुगो – पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति में विशेषज्ञ।
डॉ. एस.के. रज़ा – सीईओ (टेस्टिंग), फेयर लैब्स प्रा. लि., खाद्य निदान में विशेषज्ञ।
डॉ. नीरजा हजेला – विज्ञान एवं नियामक मामलों की प्रमुख, याकुल्ट डैनोन इंडिया, प्रोबायोटिक्स और आंत स्वास्थ्य पर काम के लिए प्रसिद्ध।
डॉ. अदिप रॉय – एसोसिएट वीपी, नियामक मामले, ऐमवे इंडिया, न्यूट्रास्युटिकल अनुपालन में विशेषज्ञ।
श्री जगमीत कोहली – संस्थापक एवं सीईओ, ग्लोबल ऑर्गेनिक्स, जैविक और सतत खाद्य समाधान में अग्रणी।
डॉ. अखिलेश भारद्वाज – नेशनल डोप टेस्टिंग लैब से, खिलाड़ियों के पोषण और एंटी-डोपिंग पर विचार साझा किए।
डॉ. प्रमोद पांडे – फर्मेंटिस लाइफ प्रोटीन से, सटीक पोषण और फंक्शनल फूड्स के समर्थक।
इस दिनभर चलने वाले समिट में अनेक प्रभावशाली चर्चाएं हुईं। पैनल चर्चा में वैश्विक नियामक समरूपता की आवश्यकता, खाद्य सुरक्षा में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की भूमिका, और व्यक्ति-विशिष्ट पोषण के माध्यम से प्रदर्शन को अधिकतम करने पर गहन विचार प्रस्तुत किए गए।
प्रमुख नवाचारों में ब्लॉकचेन तकनीक, एआई-आधारित परीक्षण विधियाँ, और खिलाड़ियों के लिए विशिष्ट उन्नत निदान उपकरण शामिल थे।
समिट की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि भारत में न्यूट्रास्युटिकल अनुपालन को मजबूत करने के लिए एक सहयोगात्मक रोडमैप का निर्माण रही। इसमें ट्रेसेबिलिटी प्लेटफार्मों की नवीनतम जानकारी, और सार्वजनिक स्वास्थ्य व खेल पोषण को बढ़ावा देने के लिए ठोस समाधान प्रस्तुत किए गए। समिट ने यह स्पष्ट किया कि तकनीक और नियामक ढांचे के एकीकरण से एक सुरक्षित और प्रभावी खाद्य प्रणाली की स्थापना संभव है।
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