आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : सेंसर बोर्ड के साथ पिछले कुछ महीनों में काफी विवाद देखने को मिल रहा है। अब फिल्म मेकर मुकेश मोदी ने बोर्ड पर आरोप लगाए हैं। मुकेश ने कहा कि सेंसर सर्टिफिकेट न मिलने की वजह से उनकी फिल्म पॉलिटिकल वॉर रिलीज के लिए तरस रही है।
मुकेश ने कहा- इस फिल्म को हमने सेंसर के लिए 22 अगस्त 2023 को सबमिट किया था, उस समय इसका टाइटल था- 2024 इलेक्शन वॉर। लेकिन इस टाइटल को उकसाने वाला कहा गया, जबकि इम्पा ने हमें यह टाइटल रजिस्टर्ड करके दिया था। उसके बाद हमने फिल्म का नाम पॉलिटिकल वॉर रखा।
सेंसर बोर्ड ने तीन महीने बाद फिल्म देखी, फिर रिजेक्ट कर दिया
मुकेश मोदी ने आगे कहा- जब फिल्म का प्रिव्यू रखा गया तो उसे बिना किसी शो कॉज नोटिस के रिवाइज्ड कमेटी में भेज दिया गया। तीन महीने बाद रिवाइज्ड कमेटी ने फिल्म देखी और 22 दिसम्बर को कमेटी ने इसे रिजेक्ट कर दिया।
बताया गया कि फिल्म में दिखाए कलाकारों का चेहरा भारतीय राजनेताओं से मिलता जुलता है। CBGC सलार और एनिमल जैसी हिंसा से भरपूर फिल्म को सर्टिफिकेट दे रही है। जबकि एक सही मैसेज देने वाली फिल्म को रिजेक्ट कर दे रही।
सेंसर बोर्ड के अधिकारियों के पास छोटे फिल्म मेकर्स के लिए समय नहीं
मुकेश मोदी ने आगे कहा- सेंसर बोर्ड के अधिकारियों के पास हम जैसे निर्माताओं के लिए समय नहीं है। वे ईमेल, फोन या मैसेज का जवाब नहीं देते हैं। यहां के सेंसर बोर्ड का सिस्टम ठीक नहीं है, वे निर्माताओं का काफी समय बर्बाद करते हैं।
पीएम मोदी से अपील है कि सेंसर बोर्ड में अच्छे लोगों को पद दें। मेरा सेंसर के चक्कर मे काफी नुकसान हुआ है। मैं तीन महीने से भारत में हूं। सेंसर बोर्ड की लापरवाही वजह से मेरी फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज नहीं होगी।
हमारी फिल्म युवाओं को प्रेरित करती, सरकार को ध्यान देने की जरूरत
मुकेश मोदी कहते हैं कि उनकी फिल्म युवाओं को प्रेरित करेगी। इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। फिल्म में हमने यह दिखाया है कि कुछ भ्रष्ट नेताओं की मदद से बाहरी ताकत कैसे भारत को तोड़ने की कोशिश कर रही हैं।
भारत अभी विश्वगुरु बनने जा रहा है, ऐसे में भारतीय जनता को यह बताना जरूरी है कि कैसे कुछ ताकतें हमें तोड़ने का प्रयास कर रही हैं। हम यह संदेश दे रहे हैं कि लोग वोट दें और अच्छे लोगों को चुनें। यह फिल्म कई चुभते हुए सवाल भी उठाती है।