भोपाल । करीब 13 दिन से राजधानी में आंदोलनरत ओबीसी चयनित शिक्षक अब भूख हडताल पर बैठने वाले हैं। इससे पूर्व उन्होंने नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ से भेंट की तथा उन्हें ज्ञापन देकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया। कमलनाथ से उन्होंने आंदोलन को समर्थन देने का अनुरोध किया। पूर्व मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि वे इस संबंध में शासन से बातचीत करेंगे।
पिछले तीन साल से नियुक्ति का इंतजार कर रहे ओबीसी चयनित शिक्षक नियुक्ति में आरक्षण से जुड़ी विसंगति को दूर करते हुए शीघ्र नियुक्ति देने की मांग को लेकर करीब 13 दिन से भोपाल में डटे हुए हैं। राजधानी के लोक शिक्षण संचालनालय के सामने ओबीसी चयनित शिक्षक नियुक्ति की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। शनिवार को ओबीसी चयनित शिक्षकों ने पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन देकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया। ओबीसी चयनित शिक्षकों का कहना है कि शासन की ओर से कोई भी अधिकारी उनकी समस्याओं को सुनने नहीं आ रहा है। ओबीसी चयनित शिक्षक 13 दिन से दिन-रात धरना स्थल पर डटे हुए है। तेज धूप में भी वे विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और उनका हौंसला कम नहीं हुआ है।
इसके बाद चयनित शिक्षकों ने भारत भवन से पंक्तिबद्ध होकर नारे लगाते हुए मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया, लेकिन शासन की तरफ से कोई भी उन्हें आश्वासन नहीं मिला। अब वे आज भूख हड़ताल पर बैठते हुए विरोध जताने की तैयारी में हैं। ओबीसी चयनित शिक्षक संघ का कहना है कि मप्र शिक्षक भर्ती-2018 को वर्ग-1 स्कूल शिक्षा विभाग में 17 हजार पद और जनजातीस कार्य विभाग में दो हजार पदों के लिए विज्ञापन जारी हुआ था। जिसमें प्रथम चरण में 15 हजार पद ओबीसी को 27 फीसद आरक्षण के आधार पर चयन प्रक्रिया पूरी की गई।
इसी आधार पर मेरिट सूची में नाम आने से दस्तावेजों का सत्यापन कार्य भी पूरा कर लिया गया। अक्टूबर 2021 को सभी विषयों के कुल 8292 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पत्र जारी हुआ, जिसमें 11 विषयों में ओबीसी को 27 फीसद आरक्षण दिया गया, लेकिन पांच विषय में ओबीसी को 14 फीसद आरक्षण दिया गया। पांच विषयों के 13 फीसद पद होल्ड पर हैं और नियुक्ति से वंचित हैं।