सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: स्कोप ग्लोबल स्किल्स विश्वविद्यालय (एसजीएसयू) के मानविकी एवं उदार कला संकाय द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका उद्घाटन सत्र शुक्रवार को सम्पन्न हुआ।
एसजीएसयू के वनमाली सभागार में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय ‘कौशल विकास : विकसित भारत के भविष्य के लिए तैयार कार्यबल का निर्माण’। इस संगोष्ठी को भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा प्रायोजित किया गया।

इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में वक्ता और विषय विशेषज्ञ के रूप में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, भोपाल क्षेत्र के निदेशक मनोज कुर्मी और निटर से तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण विभाग के प्राध्यापक मनीष भार्गव उपस्थित थे। इस अवसर पर एसजीएसयू के कुलपति अजय भूषण और कुलसचिव सितेश सिन्हा के साथ आईसेक्ट समूह के परियोजना विभाग के महाप्रबंधक अभिषेक गुप्ता और आईसेक्ट विश्विद्यालय समूह की शोध निदेशक रचना चतुर्वेदी मौजूद थी।
उपस्थित अतिथियों, प्राध्यापकों और विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए एसजीएसयू के कुलपति अजय भूषण ने कहा कि इस तरह की राष्ट्रीय संगोष्ठियां विश्वविद्यालय के शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। मध्य भारत के एक मात्र विश्वविद्यालय एसजीएसयू के बारे में उपस्थित अतिथियों को बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय युवाओं के कौशल को निखारने के लिए प्रतिबद्ध है। दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी की संयोजक और मानविकी एवं उदार कला संकाय की अधिष्ठाता टीना तिवारी ने अपने उद्बोधन में इस राष्ट्रीय संगोष्ठी की परिकालपना और रूपरेखा प्रस्तुत की। अपने उद्बोधन में निदेशक अभिषेक गुप्ता ने उपस्थित विद्यार्थियों को कौशल और उसके महत्व के बारे में बताया। इसके साथ ही उन्होंने अपने वक्तव्य में जीवन में सॉफ्ट स्किल्स के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने समय प्रबंधन और संचार कौशल पर विस्तार से बात करते हुए युवाओं के जीवन में इनकी ज़रूरत पर चर्चा की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि, निटर से तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण विभाग के प्राध्यापक मनीष भार्गव ने अपने उद्बोधन में युवाओं के कौशल और उसकी सम्भावनाओं पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि एसजीएसयू जिस दिशा में काम कर रहा है वह सराहनीय है और निटर के साथ मिलकर दोनों संस्थाएं और भी काम कर सकती हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, भोपाल क्षेत्र के निदेशक मनोज कुर्मी ने अपने कार्य अनुभव साझा करते हुए इतिहास और पुरातत्व के महत्व पर बात की। इसके साथ ही उन्होंने पुरातत्व के क्षेत्र में भविष्य की सम्भावनाओं पर विस्तार से बात की। उन्होंने बताया कि ग़ैर-तकनीकी विषयों में किस तरह के कौशल की आवश्यकता होती है और उनमें भविष्य में किस तरह के रोजगार हो सकते हैं। अपने पावर पॉइंट प्रस्तुतीकरण में मनोज कुर्मी ने सन्धारणीयता को ध्यान में रखते हुए उत्खनन कार्य की जानकारी दी। डॉ. कुर्मी ने विद्यार्थियों से संवाद करते हुए सीधे उनके प्रश्नों के उत्तर दिए। कार्यक्रम के अंत में ललित कला विभाग के प्रमुख अर्जुन सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का सफल संचालन सुश्री विशाखा राजुरकर राज ने किया।

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