आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: चौका लगे या फिर सिक्स, क्रिकेट की दुनिया में एक शब्द बार-बार सुना जाता है… स्वीट स्पॉट। आखिर क्या होता है ये स्वीट स्पॉट? गेंद और बल्ले की टक्कर में क्या है इसका रोल? साइंस ऑफ क्रिकेट के आज के एपिसोड में बात इसी स्वीट स्पॉट की।

स्वीट स्पॉट क्या होता है?

इंटरनेशनल मानकों के लिहाज से बैट की लंबाई 38 इंच से ज्यादा नहीं हो सकती। बैट के ब्लेड का वो हिस्सा जहां लकड़ी सबसे ज्यादा मोटी होती है, उसी हिस्से को स्वीट स्पॉट कहते हैें। यहां से टकराकर गेंद सबसे ज्यादा तेजी वापस होती है और इस टक्कर से बल्लेबाज को लगने वाला झटका सबसे कम होता है।

स्वीट स्पॉट के लिए हैमरिंग जरूरी क्यों?

स्वीट स्पॉट पर लकड़ी के हथौड़े से हैमरिंग की जाती है। इससे लकड़ी के फाइबर आपस में जुड़ते हैं और स्ट्रोक पैदा होता है। इसी स्ट्रोक से गेंद टक्कर के बाद ज्यादा तेजी से जाती है।

स्वीट स्पॉट में कैसे काम करता है न्यूटन का लॉ?

स्वीट स्पॉट का साइंस टिका है न्यूटन के थर्ड लॉ यानी एक्शन और रिएक्शन पर। एक्शन और रिएक्शन का ये साइंस शुरू होता है बैट-बॉल की टक्कर से। बैट-बॉल की टक्कर के वक्त बैट में पैदा होती है एक लहर। इस लहर के दो पॉइंट होते हैं, पहला जहां डिस्टर्बेंस यानी झटका सबसे ज्यादा लगता है। दूसरा पॉइंट वो जहां, डिस्टर्बेंस यानी झटका सबसे कम होता है… यानी स्वीट स्पॉट। साइंस की भाषा में इसे सेंटर ऑफ पर्कशन कहते हैं, यानी किसी टक्कर का केंद्र।

कितने तरह के होते हैं स्वीट स्पॉट?

स्वीट स्पॉट 3 तरह के होते हैं। हाई पोजिशन, मीडियम पोजिशन और लो पोजिशन। बल्लेबाज पिच के नेचर के लिहाज से इनका इस्तेमाल करते हैं।

सचिन स्वीट स्पॉट के मास्टर क्यों?

इंटरनेशनल क्रिकेट में सचिन के 4076 चौके हैं। सचिन चौका मारने वालों की लिस्ट में नंबर वन हैं। ऐसा क्यों? दरअसल, सचिन बॉल को हिट करने के लिए, अपने सिर-कमर-पैर को एक लाइन में लाते हैं, इससे 9 नंबर की शेप बनती है। सचिन 45 डिग्री के एंगल पर आगे झुककर शॉट को पूरा करते हैं। जिससे बॉल बैट के स्वीट स्पॉट को हिट करती है।

मैच का पहला ओवर हो या आखिरी, पिच पर पड़ने के बाद गेंद का लहराव हमेशा ही बल्लेबाज को मुश्किल में डालता है। इतना ही नहीं, एक अच्छी स्विंग बॉल हर बल्लेबाज के लिए एक बुरे सपने जैसी होती है। गेंद की सीम और चमकीली-खुर्दरी सरफेस से टकराती हवा की दशा-दिशा में ही है स्विंग का साइंस।