सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : शहर के प्रमुख वैज्ञानिक, अनुसंधान एवं विकास संस्थानों के उत्पादों और प्रौद्योगिकियों को एवं आम जनमानस के जीवन स्तर की बेहतर बनाने में इनके योगदान को एक ही छत के नीचे आंचलिक विज्ञान केंद्र, भोपाल में दिखाने के उद्देश्य से, आंचलिक विज्ञान केंद्र, भोपाल ने केंद्र परिसर में विज्ञान पर्व एवं केंद्र की 30 वीं वर्षगांठ समारोह का आयोजन किया ।
इस पर्व में भोपाल एवं उसके बाहर के 18 वैज्ञानिक संस्थान (आईआईएसईआर, भोपाल, ईपीसीओ, भोपाल, आईसीएआर-आईआईपीआर, भोपाल, एनआईडी, भोपाल, आईजीआरएमएस, भोपाल, एमपी राज्य जैव विविधता बोर्ड, भोपाल, सीएसआईआर-एएमपीआरआई, भोपाल, एनआईएफटी, भोपाल, एचईजी लिमिटेड मंडीदीप, क्रिस्प, भोपाल, आरआरसीएटी, इंदौर, एम्स, भोपाल, आईएमडी, भोपाल, सीआईपीईटी, भोपाल, आरएमएनएच, भोपाल, ऊर्जा विकास निगम, भोपाल, एमपीसीएसटी, भोपाल और आरजीपीवी, भोपाल) अपने स्टॉल से अपने उत्पादों और प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया ।
कार्यक्रम का समापन समारोह के साथ हुआ जिसमें आईआईएसईआर, भोपाल के निदेशक प्रोफेसर गोबरधन दास मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। अपने संबोधन में डॉ दास ने कहा कि हमारे देश भारत में वैज्ञानिक और तकनीकी विरासत का खजाना है जिसे हमारे युवाओं को अपने मन से हीन भावना को दूर करने और इस क्षेत्र में वैश्विक नेता बनने के लिए आत्मसात करना चाहिए। इंदिरा गांधी मानव संग्रहालय के निदेशक प्रोफेसर अमिताभ पांडे विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित हुए और लोगों के लाभ के लिए राज्य के विभिन्न वैज्ञानिक संस्थानों को एक छत के नीचे लाने के आंचलिक विज्ञान केंद्र के अद्भुत प्रयास की प्रशंसा की। नेहरू विज्ञान केंद्र, मुंबई के निदेशक उमेश कुमार रुस्तगी भी इस अवसर पर उपस्थित थे और उन्होंने विज्ञान संग्रहालयों का दौरा करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिनमें किसी के दिमाग पर गहरा प्रभाव डालने की क्षमता है जो हमारे युवा छात्रों को खोज के पथ पर ले जा सकता है । निदेशक साकेत सिंह कौरव, ने कार्यक्रम का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के समापन समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा विज्ञान पर्व के विभिन्न हितधारक संगठनों के सदस्यों को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित करने के साथ हुआ। कार्यक्रम के तीन दिनों के दौरान लगभग 5000 आगंतुक जिनमें छात्र, शिक्षक, अभिभावक और आम जनता शामिल थे ।
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