सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: सेलिना जेटली ने हाल ही में कोलकाता रेप और हत्याकांड पर आक्रोश जाहिर किया है। एक्ट्रेस ने अपने साथ बचपन में हुई बदसलूकी पर बात करते हुए कहा है कि हमेशा से ही पीड़ित की गलती होती है।

हाल ही में सेलिना जेटली ने अपने X अकाउंट (पहले ट्विटर) में 6वीं क्लास की तस्वीर शेयर कर लिखा है, विक्टिम की ही हमेशा गलती होती है। इस तस्वीर में मैं 6वीं में थी। ये वही समय था, जब पास की यूनिवर्सिटी के लड़के मेरा स्कूल के बाहर इंतजार किया करते थे। वो मेरे स्कूल रिक्शे का पीछा करते थे और रास्ते भर कमेंट करते हुए जाते थे। मैं उन्हें नजरअंदाज करने का नाटक करती थी। कुछ दिनों बाद वो लड़के बीच सड़क में मेरा ध्यान खींचने के लिए मुझ पर पत्थर फेंकने लगे थे। लेकिन किसी भी देखने वाले ने कभी नजरें नहीं उठाईं।

आगे सेलिनी ने लिखा है, जब मैंने ये बात अपनी टीचर से कही, तो उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि मैं ज्यादा वेस्टर्नाइज हूं, ढीले कपड़े नहीं पहनती और अपने बालों में तेल लगाकर दो चोटियां नहीं बांधती। ये मेरी गलती है। ये वही उम्र थी जब स्कूल रिक्शे में इंतजार करते हुए एक आदमी ने मुझे अपना प्राइवेट पार्ट दिखाया था। अपनी टीचर की बात जहन में बार-बार सोचते हुए मैंने कई सालों तक खुद को ही इसका दोषी माना कि ये मेरी ही गलती है।

जब मैं 11वीं क्लास में आई, मुझे आज भी याद है कि मेरी स्कूटी का ब्रेक वायर सिर्फ इसलिए काटा गया क्योंकि मैंने यूनिवर्सिटी के एक लड़के को भाव नहीं दिया, जो मेरी स्कूटी में भद्दे लेटर छोड़ता था और गंदे नामों से बुलाता था। जब मेरे मेल क्लासमेट्स ने डरकर टीचर को सब बताया तो टीचर ने मुझे बुलाकर कहा, तुम फॉरवर्ड किस्म की लड़की हो, अपने छोटे बाल खुले रखती हो, एक्स्ट्रा क्लास में जींस पहनकर आती हो, इसलिए लड़कों को लगता है कि तुम लूज कैरेक्टर हो।

आगे सेलिना ने लिखा, ये हमेशा से मेरी गलती थी। मुझे याद है कि स्कूटी का ब्रेक वायर टूटने से मुझे खुद को बचाने के लिए चलती स्कूटी से कूदना पड़ा था। मुझे बहुत चोट लगी थी और तब भी ये मेरी ही गलती थी। मेरी स्कूटी टूट गई थी। मैं फिजिकली और साइकोलॉजिकली चोटिल थी। लेकिन मुझसे कहा गया कि ये मेरी ही गलती थी। मेरे रिटायर कर्नल नाना जी, जो बुढ़ापे में देश के लिए 2 जंग लड़ चुके थे,वो मुझे वापस स्कूल ले गए थे। मुझे याद है कि स्कूटी खराब करने वाले लड़के तब भी मेरा पीछा करते थे, मेरे बुजुर्ग नाना जी पर भद्दे कमेंट्स करते थे। एक दिन नाना उन्हें घूरते रहे और फिर सिर हिलाया। मैं उनके साथ चलते हुए उनका चेहरा पढ़ सकती थी। उन्हें ये सोचकर घृणा हो रही थी कि उन्होंने अपनी जान दांव पर लगाई थी। अब समय आ चुका है कि हम अपने राइट्स को सुरक्षित रखने के लिए खड़े हों। हमारी कोई गलती नहीं है।

बचपन की ये घटना सेलिना जेटली ने कोलकाता रेप केस पर नाराजगी जाहिर करते हुए लिखी है। बताते चलें कि सेलिना जेटली आखिरी बार साल 2011 की हिंदी फिल्म थैंक्यू और कन्नड़ फिल्म श्रीमति में नजर आई हैं। इसके बाद वो सिर्फ शॉर्ट फिल्म्स या कैमियो में नजर आई हैं।