सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: एम्स के कार्यपालक प्रो. अजय सिंह का मानना है कि बच्चों को शुरू से ही आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के गुण सिखाने बहुत जरूरी हैं जिससे आगे चलकर वो किसी भी चुनौती का डटकर सामना कर सकते हैं। छोटी-छोटी बातों को सीखकर किसी को नया जीवन दे सकते हैं। इसी सिलसिले में एम्स में सेंट राफेल को-एड स्कूल के कक्षा 11वीं व 12वी के छात्र-छात्राओं ने भाग ट्रॉमा और इमरजेंसी विभाग के काम को समझा। उन्हें मरीजों के रजिस्ट्रे्शन से लेकर पूरी चिकित्सा प्रक्रिया के बारे में बताया गया। बच्चों को सीपीआर देने का प्रशिक्षण दिया गया। सीपीआर का मतलब है कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन। यह भी एक तरह की प्राथमिक चिकित्सा यानी फर्स्ट एड है। जब किसी पीड़ित को सांस लेने में दिक्कत हो या फिर वो सांस न ले पा रहा हो और बेहोश जो जाए तो सीपीआर से उसकी जान बचाई जा सकती है। इसके अलावा बच्चों को आपातकालीन चिकित्सा से संबंधित विभिन्नत पहलुओं से अवगत कराया गया ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में वे खुद की और अपने आस-पास के लोगों की सहायता कर सकें। इमरजेंसी विभाग के प्रमुख डॉ यूनुस के अलावा डॉ भूपेश्वारी और

School children trained on how to deal with emergency situations"

डॉ अंकिता ने बच्चोंग को बताया कि विभाग में मरीजों का इलाज किस तरह किया जाता है।
सेंट राफेल को-एड स्कूमल के बच्चेज एम्स के डॉ. अजय सिंह से मिले और अपनी जिज्ञासाओं को शांत किया। प्रो. सिंह ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि फर्स्ट एड सीखकर न केवल आप लोगों की जान बचा सकते हैं, बल्कि आपके अंदर आत्मरविश्वास भी आता है। उन्होंने कहा कि एम्स इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम व्यापक स्तर पर करने जा रहा है। इसी क्रम में एम्स में 07 से 11 अगस्त के बीच आपातकालीन चिकित्सा पर “ईएम इंडिया-24 सम्मेलन” आयोजित किया जा रहा है।

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