सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: सुप्रीम कोर्ट के SC आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू करने की इजाजत देने के खिलाफ बुधवार को दलित-आदिवासी संगठनों ने 14 घंटे का भारत बंद बुलाया है। नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन (NACDAOR) ने इसे दलित और आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ बताया है।

बिहार में बंद का सबसे ज्यादा असर दिख रहा है। वहीं राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में इसको लेकर अलर्ट है। कांग्रेस, TMC, सपा, बसपा, RJD, झामुमो समेत कई दलों ने बंद का समर्थन किया है।

राज्यवार बंद का असर

बिहार:

आरा और दरभंगा में ट्रेनें रोकी।

जहानाबाद, सहरसा और पूर्णिया में हाईवे जाम।

कई शहरों में नारेबाजी और प्रदर्शन जारी।

राजस्थान:

राजस्थान के सवाई माधोपुर में रैली में शामिल युवाओं ने डंडे लहराते हुए नारेबाजी की।

जयपुर समेत 16 जिलों में स्कूल बंद।

भरतपुर में एहतियातन इंटरनेट बंद।

अलवर में रोडवेज की बसें रोकीं।

मध्य प्रदेश:

मध्य प्रदेश के उज्जैन में बाजार बंद कराने पर दुकानदारों की प्रदर्शनकारियों से झड़प हुई।

ग्वालियर में एहतियातन स्कूल बंद।

उज्जैन में प्रदर्शनकारी-दुकानदारों के बीच बहस।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बंद

सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त को कहा था कि राज्य सरकारें अब अनुसूचित जाति, यानी SC के रिजर्वेशन में कोटे में कोटा दे सकेंगी। कोर्ट ने अपना 20 साल पुराना फैसला पलटकर नई व्यवस्था दी। तब कोर्ट ने कहा था कि अनुसूचित जातियां खुद में एक समूह हैं, इसमें शामिल जातियों के आधार पर और बंटवारा नहीं किया जा सकता।

हालांकि कोर्ट ने अपने नए फैसले में राज्यों के लिए जरूरी हिदायत भी दी है। कहा है कि राज्य सरकारें मनमर्जी से फैसला नहीं कर सकतीं। इसके लिए दो शर्तें होंगी…

पहली: अनुसूचित जाति के भीतर किसी एक जाति को 100% कोटा नहीं दे सकतीं।

दूसरी: अनुसूचित जाति में शामिल किसी जाति का कोटा तय करने से पहले उसकी हिस्सेदारी का पुख्ता डेटा होना चाहिए।

आगरा में जबरन बंद कराई दुकानें

सुप्रीम कोर्ट के SC आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने के फैसले के खिलाफ दलित संगठनों ने आज भारत बंद बुलाया है। यूपी में इसका असर दिख रहा है। आगरा में सड़क पर उतरे बसपा कार्यकर्ताओं ने जबरन दुकानें बंद करवाईं।