सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: हिंदी माध्यम में विज्ञान लेखन एवं साहित्यिक गतिविधियों के द्वारा विज्ञान के विकास में अप्रतिम योगदान के लिए वरिष्ठ कवि-कथाकार एवं रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे को आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे विज्ञान संवर्धन सम्मान से विभूषित किया गया है। यह सम्मान निस्पर एवं सीएसआईर एम्प्री द्वारा आयोजित राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन 2024 में मंगलवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रदान किया। समारोह में इस बात को रेखांकित किया गया कि संतोष चौबे द्वारा समाज के उत्थान हेतु विज्ञान के क्षेत्र में हिंदी भाषा में किए गए कार्यों से जन मानस को विज्ञान के गूढ़ रहस्यों के समझने में उल्लेखनीय सरलता हुई है।
साहित्य, कला, संस्कृति, शिक्षा, प्रौद्योगिकी और कौशल विकास के क्षेत्र में पाँच दशकों से सक्रिय चौबे जी ने अपने अथक रचनात्मक–सृजनात्मक प्रयत्नों से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विशिष्ट पहचान कायम की है। भारतीय इंजीनियरिंग सेवा तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चयनित चौबे जी वर्तमान में ‘विश्व रंग’ महोत्सव के निदेशक, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और डॉ. सी.वी. रामन विश्वविद्यालय के चांसलर हैं तथा आईसेक्ट नेटवर्क, राज्य संसाधन केन्द्र, वनमाली सृजन पीठ एवं टैगोर अंतरराष्ट्रीय साहित्य एवं कला केन्द्र के अध्यक्ष हैं।

उल्लेखनीय है कि चौबे हिन्दी साहित्य भाषा के वैश्विक प्रसार–प्रचार के लिए लेखन के साथ-साथ विभिन्न साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सतत सक्रिय हैं। इसके साथ ही विज्ञान, तकनीकी और कौशल विकास के क्षेत्र में भी आप अनवरत महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। इन्होंने पिछले पचास वर्षों में पूरे भारत में चालीस हजार से अधिक प्रशिक्षण एवं सेवा केन्द्रों का नेटवर्क स्थापित किया जो हजारों लोगों को रोज़गार देने के अलावा डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया जैसी महत्त्वपूर्ण योजनाओं में भागीदारी कर रहा है।

कवि–कथाकार, उपन्यासकार, संपादक और अनुवादक श्री संतोष चौबे अपने अभिनव रचनात्मक प्रकल्पों और नवाचारों के लिए वैश्विक स्तर पर एक विशिष्ट पहचान रखते हैं। उन्होंने हिन्दी भाषा और भारतीय संस्कृति के प्रसार के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय ‘विश्वरंग’ महोत्सव की वर्ष 2019 में भोपाल से शुरुआत की जिसके आज 50 से अधिक सदस्य देश हैं।

हाल ही में उन्हें फ्रांस में प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय ‘भारत गौरव सम्मान–2024’ से सम्मानित किया गया। इसके पूर्व लंदन में “वातायन यू.के. अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मान 2023” और अमेरिका के प्रतिष्ठित संस्थान द्वारा ‘लाईफ टाईम एचीवमेंट अवार्ड–2023 से सम्मानित किया गया।

संतोष चौबे को कविता (कहीं और सच होंगे सपने) के लिए मध्यप्रदेश साहित्य परिषद् का दुष्यंत कुमार पुरस्कार, आलोचना (कला की संगत) के लिए स्पंदन आलोचना सम्मान, अनुवाद (मास्को डायरी) के लिए मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति का पुरस्कार एवं उपन्यास (जलतरंग) के लिए शैलेश मटियानी तथा अन्तरराष्ट्रीय वैली ऑफ वर्ड्स पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। समग्र साहित्यिक अवदान के लिए उन्हें राष्ट्रीय दुष्यंत एवं शिवमंगल सिंह सुमन अलंकरण आदि प्राप्त हुए हैं।

प्रतिष्ठित “आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे सम्मान” के लिए श्री संतोष चौबे जी को ‘विश्व रंग’ टैगोर अंतर्राष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव, विश्व रंग सचिवालय, टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केन्द्र, प्रवासी भारतीय साहित्य एवं संस्कृति शोध केन्द्र, टैगोर विश्व कला एवं संस्कृति केंद्र, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, स्कोप ग्लोबल स्किल्स विश्वविद्यालय, डॉ. सी.वी. रामन विश्वविद्यालय, बिलासपुर, खंडवा, वैशाली, आईसेक्ट विश्वविद्यालय, हजारीबाग, आईसेक्ट पब्लिकेशन, वनमाली सृजन पीठ, समस्त वनमाली सृजन केंद्रों तथा साहित्य, कला संस्कृति की सहयोगी संस्थाओं ने हार्दिक बधाई दी है