सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: हिंदी सिनेमा के मशहूर राइटर सलीम खान आज 89 वर्ष के हो गए हैं। उनके संघर्ष, रिश्तों और यादगार किस्सों ने उन्हें सिनेमा और समाज में एक अलग पहचान दिलाई है। ITDC News के इस बर्थडे स्पेशल में हम सलीम खान के जीवन के खास पहलुओं पर नजर डालते हैं।
मुश्किलों भरा बचपन
सलीम खान का बचपन चुनौतियों से भरा था। मात्र 9 साल की उम्र में उन्होंने अपनी मां को खो दिया और 14 साल की उम्र में पिता का भी निधन हो गया। इंदौर में बड़े भाई ने उनका साथ दिया, लेकिन जब सलीम ने हीरो बनने का सपना देखा, तो भाई के तानों ने उन्हें मुंबई में संघर्ष करने की प्रेरणा दी।
मुंबई में संघर्ष और सफलता
मुंबई आने के बाद सलीम खान को साइड रोल्स मिले, लेकिन पहचान नहीं मिली। उन्होंने लेखन शुरू किया और जावेद अख्तर के साथ जोड़ी बनाई। दोनों की फिल्में जैसे “शोले” और “दीवार” ने हिंदी सिनेमा में इतिहास रचा। हालांकि, एक गलतफहमी के चलते यह जोड़ी 1982 में टूट गई।
व्यक्तिगत जीवन और परिवार
सलीम खान की पहली शादी सलमा से हुई थी। बाद में उन्होंने एक्ट्रेस हेलेन से शादी की ताकि उनके कैरेक्टर पर सवाल न उठें। यह फैसला आसान नहीं था, लेकिन सलमा ने इसे गरिमा के साथ स्वीकार किया। सलीम ने सड़क पर मिली एक बच्ची, अर्पिता को भी गोद लिया। आज अर्पिता खान परिवार की जान हैं।
पिता का समर्पण
सलीम खान ने अपने बच्चों को हमेशा प्रोटेक्ट किया। सलमान की फीस न भर पाने पर उन्होंने खुद को सजा दी। काले हिरण केस में सलमान की जेल यात्रा के दौरान, सलीम खान ने पानी भी नहीं पिया। यह पिता की भूमिका उनके समर्पण को दर्शाती है।
सलीम खान का जीवन: संघर्ष से सफलता तक
सलीम खान का जीवन संघर्ष, रिश्तों और सफलता का प्रतीक है। उनके अनुभव और किस्से न केवल हिंदी सिनेमा के लिए प्रेरणादायक हैं, बल्कि समाज में भी एक मिसाल कायम करते हैं।
निष्कर्ष
सलीम खान की कहानी हमें सिखाती है कि कठिनाइयों के बावजूद, मेहनत और समर्पण से किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जा सकती है। हिंदी सिनेमा के इस महान लेखक को हम सभी दिल से बधाई देते हैं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।